Promotion मिलते ही TGT से भी कम हो गई Basic Pay

Monday, Jun 25, 2018 - 03:25 PM (IST)

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश स्कूल प्राध्यापक संघ बिलासपुर के प्रधान नरेश ठाकुर, वरिष्ठ उपप्रधान भूपेंद्र ठाकुर, महासचिव जगदीश कौंडल, वित्त सचिव देशराज सहित सतीश शर्मा व बलदेव शर्मा सहित अन्य ने संयुक्त बयान जारी करते हुए बताया कि पी.जी.टी. शिक्षकों को जुलाई, 2015 से लगातार वित्तीय हानि झेलनी पड़ रही है, ऐसे पी.जी.टी. की संख्या 2500 के आसपास है। टी.जी.टी. से पी.जी.टी. बनने पर प्रमोशन की खुशी इनके जीवन में मानसिक परेशानी लेकर आ रही है। सूत्रों की मानें तो शिक्षा विभाग ही एक ऐसा विभाग है जहां पदोन्नति या नियमित होने पर शिक्षकों का वेतन कम करके उन्हें अपमानित किया जाता है। पी.जी.टी. के वित्तीय लाभों पर सरकार तथा शिक्षा विभाग द्वारा कुठाराघात किया जा रहा है। सनद रहे कि हिमाचल प्रदेश वित्त विभाग की पदवार संशोधित वेतनमान के बारे में नियम अधिसूचना 27 सितम्बर, 2012 को अनुसूची जारी हुई थी।


अधिसूचना के अनुसार पी.जी.टी. को इनीशियल स्टार्ट 12090, ग्रेड-पे 4200-16290 दिया है। जुलाई, 2015 से पहले जितने भी पी.जी.टी. रैगुलर हुए हैं उनको भर्ती तथा पदोन्नति नियम में इनीशियल पे 12090, 4200, 16290 दी गई। जो वित्त विभाग के गजट नियमों में है परंतु आज इन गजट नियमों को ठेंगा दिखाते हुए जुलाई, 2015 के बाद रैगुलर हुए पी.जी.टी. को इनीशियल पे बिना किसी भर्ती व पदोन्नति नियमों में बदलाव किए आला अधिकारियों द्वारा 10300, 4200, 14500 कर दिया गया है। इस अन्याय के चलते अब पी.जी.टी. की बेसिक पे टी.जी.टी. से भी कम हो गई है। ऐसी पदोन्नति से क्या लाभ जहां पहले मिल रहे वेतनमान पर कैंची चला दी जाए। हिमाचल प्रदेश प्राध्यापक संघ बिलासपुर सरकार से मांग करता है कि सभी पी.जी.टी. को रैगुलर होने पर इनीशियल पे 12090, 4200,16290 दी जाए और साथ ही 5400 ग्रेड पे के लिए 2 साल नियमित सेवाकाल की थोपी गई अनावश्यक शर्त भी हटा दी जाए।

Ekta