जनरल IRDP का कोटा खत्म, EWS के कोटे में डालीं आरक्षित सीटें

Tuesday, Jan 21, 2020 - 10:00 AM (IST)

चम्बा (ब्यूरो): सरकार ने एक तरफ सवर्ण जाति के गरीब परिवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है, वहीं पहले से गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों से नौकरी में आरक्षण छीन लिया है। अब गरीब परिवार से संबंध रखने वाले युवाओं को नौकरी में आरक्षण नहीं मिलेगा। सरकार ने जनरल आई.आर.डी.पी. का कोटा खत्म कर दिया है। आई.आर.डी.पी. से संबंधित युवाओं को भी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं व इंटरव्यू में अन्य वर्गों के साथ ही कंपीटीशन करना पड़ेगा। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग ने 28 दिसम्बर, 2019 को विभिन्न विभागों में हजारों पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी की है। इसके लिए 31 दिसम्बर से आवेदन भी आमंत्रित कर लिए हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जनवरी, 2020 निर्धारित की गई है। इसमें हर एस.सी., एस.टी, ओ.बी.सी. स्पोर्ट कोटा व एक्स-सॢवसमैन कोटे के लिए अलग से पोस्टें आरक्षित की गई हैं, लेकिन जनरल आई.आर.डी.पी. के लिए कोई पोस्ट आरक्षित नहीं की गई है।

जनरल आई.आर.डी.पी. की जगह इकोनॉमिक वीकर सैक्शन (ई.डब्ल्यू.एस) के तहत आरक्षण दिया गया है, लेकिन इस आरक्षण के तहत वे सभी अभ्यर्थी पात्र होंगे जिनके परिवार की वार्षिक आय 4 लाख रुपए से कम है। उन सभी का ई.डब्ल्यू.एस. का प्रमाण पत्र बन जाएगा। इससे सामान्य वर्ग के युवा भी इस दायरे में आ जाएंगे और वे सभी इस आरक्षण के हकदार हो जाएंगे जबकि आई.आर.डी.पी. में वही परिवार शामिल किए जाते हैं जिनके परिवार की वाॢषक आय 40 हजार रुपए से कम हो। ऐसे परिवार को अलग से श्रेणी में रखा गया है तथा इससे पहले आई.आर.डी.पी. के युवाओं को नौकरी में अलग से आरक्षण मिलता था। उनके लिए कुल सीटों में से कुछ सीटें आरक्षित रहती थीं। आरक्षित सीटों पर सामान्य वर्ग या अन्य कोटे के अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर सकते थे। इससे गरीब परिवार से संबंध रखने वाले युवाओं को आरक्षित कोटे में ही कंपीटीशन करना पड़ता था। हालांकि आई.आर.डी.पी. के प्रमाण पत्र अब भी बनाए जा रहे हैं, लेकिन नौकरियों में कोटा खत्म हो जाने से अब आई.आर.डी.पी. का कोई औचित्य नहीं रह गया है और यह प्रमाण पत्र भी किसी काम नहीं आएगा।
 

kirti