गहलोत ने साधा निशाना, कहा-हिमाचल में नशे के शिकार लोगों के ईलाज को गंभीर नहीं सरकार

Thursday, Sep 21, 2017 - 11:00 PM (IST)

धर्मशाला: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने प्रदेश में नशे के शिकार लोगों के इलाज के लिए पर्याप्त नशा मुक्ति केंद्रों की व्यवस्था न किए जाने के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। केंद्रीय मंत्री वीरवार को सिद्धबाड़ी में गुंजन संस्था द्वारा संचालित उनके मंत्रालय के तहत आने वाले रीजनल रिसोर्स ट्रेनिंग सैंटर का निरीक्षण करने आए हुए थे। इस दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय खास तौर पर नशा मुक्ति के लिए प्रयासरत है।  भारत को नशा मुक्त होने की आवश्यकता है। नशा परिवार, व्यक्ति और समाज को नुक्सान पहुंचाता है। नशा मुक्ति को लेकर भारत सरकार की कई योजनाएं हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात मेें नशा मुक्ति के लिए देशवासियों का आह्वान कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने वृद्धों की सेवा का भी आह्वान किया था। 

राज्य सरकार प्रस्ताव भेजे तो ही खुलेंगे नशा मुक्ति केंद्र
जब उनसे पूछा गया कि हिमाचल प्रदेश में नशे के शिकार लोगों के इलाज के लिए नाममात्र ही नशा मुक्ति केंद्र हैं तो ऐसे में सबका इलाज कैसे संभव हो पाएगा। इस पर उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार के माध्यम से आग्रह किया जाए तो आवश्यकता अनुसार उनका मंत्रालय सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि आर.आर.टी. सिद्धबाड़ी नशा रोकने के उपायों का प्रचार करता है और आवश्यक प्रशिक्षण मुहैया करवाता है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र और वृद्धाश्रम जैसी संस्थाएं स्थापित करना राज्य सरकार का अधिकार क्षेत्र है। उनका मंत्रालय इन्हें सुविधाएं और बजट मुहैया करवाता है। अगर स्थानीय प्रशासन व राज्य सरकार प्रस्ताव भेजे तो नशा मुक्ति केंद्र और वृद्धाश्रम को केंद्र आर्थिक सहायता देगा। उन्होंने गैर-सरकारी संगठनों को भी राज्य के माध्यम से प्रस्ताव भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव मिलने पर सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे। 

सरकार से जवाब तलबी का प्रश्र नहीं उठता
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार से जवाब तलबी का प्रश्र नहीं उठता है, राज्य सरकार आवश्यकता महसूस करे तो प्रस्ताव भेजे। केंद्र सरकार द्वारा सकारात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस अवसर पर उन्होंने गुंजन कम्युनिटी रेडियो का भी लोकार्पण किया।  इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अवर सचिव राजेश कुमार सिन्हा, आर.आर.टी.सी. सिद्धबाड़ी के निदेशक संदीप परमार आदि मौजूद रहे।