गडकरी के दौरे ने इन दो भाजपा नेताओं में डाली दूरियां, जानिए क्यों

Friday, Jun 16, 2017 - 12:25 PM (IST)

कुल्लू: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के दौरे ने भाजपा विधायक महेश्वर सिंह और भाजपा के मंडी संसदीय क्षेत्र के प्रभारी राम सिंह के बीच सियासी दूरियों की खाई को और बढ़ा दिया है। सोशल मीडिया में कार्यकर्ताओं के गुब्बार से खूब गहमागहमी का माहौल है। कार्यकर्ताओं ने भाजपा के एक व्हाट्स एप गु्रप में महेश्वर सिंह जिंदाबाद और राम सिंह मुर्दाबाद लिखा है। यह क्रम जारी रहता देख भाजपा के वरिष्ठ मीडिया प्रभारी खुशहाल सिंह राठौर ने ग्रुप में ही कार्यकर्ताओं को किसी व्यक्ति विशेष के संदर्भ में कोई टिप्पणी न करने की भी नसीहत दी है। जिन कार्यकर्ताओं ने यह टिप्पणी की है वे भाजयुमो के पदाधिकारी भी बताए जा रहे हैं। 


सियासी गर्माहट से कुछ कार्यकर्ता भड़के
माना जा रहा है कि नितिन गडकरी के दौरे के दौरान पार्टी के भीतर ही हुई  सियासी गर्माहट से कुछ कार्यकर्ता भड़के हुए हैं। हालांकि 13 जून को हुए इस त्रिदेव सम्मेलन में भोजन व्यवस्था का जिम्मा महेश्वर सिंह संभाले हुए थे। होटल सरवरी में सभी त्रिदेवों और कार्यकर्ताओं के लिए भोजन का प्रबंध था। पार्टी सूत्रों की मानें तो राम सिंह ने अपने कुछ कार्यकर्ताओं को होटल सरवरी में भोजन के लिए जाने से रोका और उन्हें सम्मेलन स्थल के समीप ही एक रेस्तरां में भोजन करवाया। इसी बात को लेकर कार्यकर्ता आग-बबूला नजर आए। दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से महेश्वर सिंह और राम सिंह के बीच सियासी खटास पैदा हुई। 


महेश्वर सिंह को न बुलाए जाने का भी कार्यकर्ताओं में एक कारण  बताया
पिछले विधानसभा चुनाव में महेश्वर सिंह ने भाजपा को छोड़कर हिलोपा से कुल्लू सदर हलके से चुनाव लड़ा और राम सिंह भाजपा प्रत्याशी रहे। महेश्वर सिंह ने करीब 3000 मतों के अंतर से राम सिंह को परास्त कर दिया था जबकि कांग्रेस तीसरे नंबर रही। कांग्रेस से ही बगावत कर मैदान में उतरी प्रेम लता ठाकुर ने भी 7000 से अधिक मत हासिल किए थे। हाल ही में महेश्वर सिंह पुन: भाजपा में लौटे हैं। हालांकि कुल्लू भाजपा मंडल पर राम सिंह अपनी पकड़ बनाए हुए हैं। मंडल की बैठकों में महेश्वर सिंह को न बुलाए जाने का क्रम भी कार्यकर्ताओं में गुस्से का एक कारण बताया जा रहा है। अब महेश्वर सिंह फॉर कुल्लू नाम से बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप में कार्यकर्ताओं ने महेश्वर सिंह और राम सिंह को लेकर जिंदाबाद व मुर्दाबाद लिखकर सियासी खाई को और खोखला कर दिया।