तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा हिमाचल का लाल, सैन्य सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

punjabkesari.in Wednesday, Apr 07, 2021 - 06:14 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप): पश्चिम बंगाल में भारत-बंगलादेश की सीमा पर शहीद हुए बीएसएफ में तैनात कुल्लू जिला के 42 वर्षीय जवान नरेश कुमार का शव 4 दिन बाद तिरंगे में लिपटा उनके पैतृक गांव टिकरा बाबड़ी पहुंचा। शहीद की पार्थिव देह घर पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। मौके पर मौजूद हर व्यक्ति की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। इसके बाद शहीद की पार्थिव देह की कुल्लवी रिति से पूजा-अर्चना के बाद बदाह में ब्यास नदी के किनारे अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम अमित गुलेरिया, डीएसपी हैडक्वार्टर प्रियांक गुप्ता, विधायक सदर कुल्लू सुंदर सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर सहित तमाम रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने शहीद को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। आईटीबीपी के जवानों ने शहीद नरेश कुमार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई। शहीद नरेश कुमार के उनके दोनों बेटों अक्षित और आरव ने मुखाग्नि दी।
PunjabKesari, Funeral Image

2004 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे नरेश कुमार

बता दें कि शहीद नरेश कुमार 2004 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे और 20 दिन पहले छुट्टी पर घर आकर गए थे। 4 अपैल को जब वह ड्यूटी पर तैनात थे तो अचानक आसमानी बिजली की चपेट में आने से गंभीर घायल हो गए, जिसके बाद सेना के जवानों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया। शहीद नरेश कुमार अपने पीछे पिता देवी सिंह, माता कमला, पत्नी सत्या देवी, बड़ा बेटा अक्षित (16) और छोटा बेटा आरव (12), भाई हेम राज और लेखराज, 2 बहनों को छोड़ गए।
PunjabKesari, Funeral Image

शहीद के परिवार की आर्थिक मदद करे सरकार

विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि शहीद नरेश कुमार बहुत मिलनसार व्यक्ति थे और सेना में भर्ती होने का जज्बा उनमें बचपन से ही था। वह 2004 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। उन्होंने कहा कि नरेश कुमार में देश की रक्षा में शहादत दी है। उन्होंने सरकार से शहीद के परिवार को आर्थिक मदद और परिवार में पत्नी को नौकरी देने की मांग की है ताकि शहीद के माता-पिता, पत्नी व बच्चों का जीवन निर्वाह अच्छा हो सके। उन्होंने कहा कि शहीद के परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी।
PunjabKesari, Tribute Image

ड्यूटी पूरी होने में रह गए थे सिर्फ 5 मिनट

एसडीएम अमित गुलेरिया ने बताया कि पश्चिम बंगाल में तैनात बीएसएफ जवान नरेश कुमार के साथ जब यह हादसा हुआ तो उस समय वह ड्यूटी पर ही मौजूद थे और केवल 5 मिनट ही ड्यूटी पूरी होने के लिए रह गए थे कि अचानक आसमानी बिजली गिरने से इनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने कहा कि शहीद की पार्थिव देह को पहले कोलकाता ले जाया गया, वहां से बाई एयर दिल्ली और अमृतसर लाया गया और वहां से वाया सड़क मार्ग द्वारा कुल्लू लाया गया। उन्होंने कहा कि शहीद नरेश कुमार का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया है।
PunjabKesari, Tribute Image


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Recommended News

Related News