हिमाचल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शून्य से नीचे लुढ़का पारा, जमने लगीं झीलें और झरने

punjabkesari.in Friday, Nov 26, 2021 - 06:54 PM (IST)

मनाली (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पारा शून्य के नीचे चला गया है। हालांकि अक्तूबर 30 के बाद प्रदेश की चोटियों में बर्फबारी नहीं हुई है, लेकिन शुष्क ठंड ने प्रदेश वासियों की दिक्कतों को बढ़ाया है। तापमान में गिरावट के कारण लाहौल-स्पीति सहित कुल्लू, किन्नौर और चम्बा जिले की 12 से 17 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित सभी झीलें व झरने जमने लगे हैं। देश व दुनिया के ट्रैकरों की पहली पसंद 14190 फुट ऊंची चंद्रताल झील सैलानियों के लिए पहले ही बंद कर दी गई है। सैलानी इस झील के दीदार अब अगले साल ही कर सकेंगे। शीत मरुस्थल लाहौल घाटी की 14091 फुट ऊंची ढंखर झील सहित लेह मार्ग पर स्थित 15840 फुट ऊंची सूरजताल झील और पट्टन घाटी की 14000 हजार फुट ऊंची नीलकंठ झील भी तापमान लुढ़कने से जमने लगी है। अटल टनल बनने से इस बार नवम्बर महीने में वाहनों की आवाजाही अभी तक सुचारू चल रही है।

बीआरओ द्वारा बारालाचा दर्रे में बर्फ व पानी जमने की जानकारी देने के बाद लाहौल-स्पीति प्रशासन ने खतरे को देखते हुए 2 नवम्बर को ही मनाली-लेह मार्ग को सभी वाहनों के लिए बंद कर दिया था। रोहतांग के इस ओर जिला कुल्लू के रोहतांग दर्रे के समीप 14290 फुट ऊंची दशोहर झील, 14100 फुट ऊंची भृगु झील भी जम गई है। हालांकि पिछले साल की तुलना में पहाड़ों पर इस बार नाममात्र बर्फ गिरी है लेकिन तापमान लुढ़कने से झीलें जमने लगी हैं। हालांकि पर्यटकों को बर्फ के दीदार नहीं हो रहे हैं लेकिन पर्यटक अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल से होते हुए कोकसर पहुंच रहे हैं।

एसपी लाहौल-स्पीति मानव वर्मा ने कहा कि पारा लुढ़कने से पानी जम रहा है जिससे सुबह-शाम वाहन चलाना जोखिम भरा हो गया है। उन्होंने चालकों को हिदायत दी कि सभी दिन के समय ही वाहन चलाएं तथा सुबह-शाम वाहन चलाने से बचें। एसडीएम मनाली डाॅ. सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि ट्रैकिंग पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया है। पर्यटकों से आग्रह है कि वो अब पहाड़ों का रुख न करें।

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Recommended News

Related News