हिमाचल में इस दिन Thermocol से बने प्लेट-गिलास पर लगेगा बैन, पढ़ें खबर

Saturday, Sep 29, 2018 - 10:24 PM (IST)

शिमला: सूबे में 5 अक्तूबर से थर्मोकोल से बने उत्पादों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लग जाएगी। थर्मोकोल के उत्पादों का स्टॉक खत्म करने को सरकार ने 90 दिन का वक्त दे रखा था। 4 अक्तूबर की शाम तक सभी कारोबारियों को थर्मोकोल से बनी प्लेटें व गिलास इत्यादि खत्म करने होंगे। इसके बाद कोई भी थोक या परचून कारोबारी इन उत्पादों को नहीं बेच पाएगा। यदि किसी कारोबारी या आम जनता के पास थर्मोकोल के उत्पाद मिलते हैं तो उसे 500 से 25,000 रुपए तक का जुर्माना किया जाएगा। पहाड़ों व खुले में थर्मोकोल फैंकने पर भी जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

अब किसी भी आयोजन में प्रयोग नहीं होगा थर्मोकोल
जाहिर है कि अब कोई भी व्यक्ति शादी समारोह, धार्मिक आयोजनों व अन्य किसी भी प्रकार के कार्यक्रमों तथा होटल-ढाबों में थर्मोकोल की प्लेटों और गिलासों का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। हिमाचल प्रदेश नॉन बायोडीग्रेडेबल एक्ट के प्रावधानों के तहत राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के मकसद से थर्मोकोल के उपयोग पर पाबंदी लगाई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीते 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर थर्मोकोल के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। इसके बाद राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। 6 जुलाई को इसे लेकर सरकार ने अधिसूचना जारी की।

क्यों लगाई पाबंदी
पॉलीथीन, प्लास्टिक और थर्मोकोल से बने उत्पाद पर्यावरण के लिए खतरा साबित हो रहे हैं। इंसानी जिंदगी पर भी इनका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इनसे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां लोगों में पनप रही हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने एक-एक करके पॉलीथीन, प्लास्टिक और थर्मोकोल पर रोक लगाई है।

थर्मोकोल के साथ पकड़े तो भरना होगा इतना जुर्माना
100 से 500 ग्राम तक का थर्मोकोल पकड़े जाने पर 500 रुपए, 500 ग्राम से अधिक व एक किलो से कम थर्मोकोल पकड़े जाने पर 1,500 रुपए, एक किलो से ज्यादा पर 3,000 रुपए, 10 किलो तक थर्मोकोल पकड़ने पर 20,000 तथा 20 किलो से ज्यादा थर्मोकोल पकड़ने की सूरत में 25,000 रुपए जुर्माना देना होगा।

थर्मोकोल से पहले इन पर भी लगाई रोक
थर्मोकोल से पहले सरकार ने 1 जनवरी, 1999 को रंगीन पॉलीथीन के थैंलों पर प्रतिबंध लगाया था। 14 जून, 2004 को 70 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलीथीन के थैलों पर रोक लगाने वाला देश का पहला राज्य बना। 2 अक्तूबर, 2009 को गांधी जयंती के अवसर पर प्लास्टिक के थैलों पर भी प्रतिबंध लगाया गया। जुलाई, 2013 में पॉलीथीन में पैक्ड-कुरकुरे, चिप्स व नमकीन जैसे 21 खाद्य पदार्थों की बिक्री पर भी रोक लगाई। इसका कारोबारियों ने विरोध किया। अब यह मामला देश की शीर्ष अदालत में विचाराधीन है। इसी साल 18 जून को सरकार ने सरकारी दफ्तरों में पीने के पानी की प्लास्टिक बोतलों के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया दिया है।

Vijay