Solan: घुटना इम्प्लांट में पटेला से लेकर टिबियल ट्रे तक होंगे सस्ते
punjabkesari.in Saturday, Sep 14, 2024 - 11:00 PM (IST)
सोलन (ब्यूरो): राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने घुटना प्रत्यारोपण से जुड़े इम्प्लांट, उच्च रक्तचाप व मधुमेह सहित विभिन्न बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के 62 फॉर्मूलेशन के मूल्य को नियंत्रण के दायरे में लिया है। सरकार ने सितम्बर, 2025 तक घुटना प्रत्यारोपण में इस्तेमाल होने वाले सभी इम्प्लांट की कीमतों को नियंत्रण में रखा है। इससे यह दवाएं सस्ती होंगी। एनपीपीए की 126वीं बैठक में इन दवाओं और फॉर्मूलेशन के साथ ही घुटना प्रत्यारोपण से जुड़े इम्प्लांट को मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाने का फैसला किया गया।
एनपीपीए के मुताबिक घुटना प्रत्यारोपण के पटेला से लेकर टिबियल ट्रे तक 15 तरह के इम्प्लांट को मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाया है, जिनका खुदरा मूल्य 5 से 12 हजार रुपए तक तय किया है। टिबियल ट्रे प्रत्यारोपण के ऊपरी हिस्से को सहारा देने के लिए लगाया जाता है। पटेला यानी घुटने की टोपी एक प्लास्टिक बटन के साथ लगाई जाती है। अनुमान के मुताबिक देश में हर साल करीब 18 से 20 हजार घुटना प्रत्यारोपण हो रहे हैं।
एनपीपीए ने बताया कि इन 62 फॉर्मूलेशन में से एक आइबूप्रोफेन व पैरासिटामोल है जिसकी एक एमएल यूनिट का खुदरा मूल्य अधिकतम 50 पैसे तय किया है। रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने व रक्तचाप को नियंत्रित करने वाले फॉर्मूलेशन हाइड्रोक्लोरोथियाजिडस, टेल्मिसर्टन और एम्लोडिपिन से बनने वाली दवाएं बाजार में करीब 72 रुपए तक की कीमत में उपलब्ध हैं, लेकिन इसका खुदरा मूल्य 10.23 रुपए तय किया गया है।
सिर दर्द, चक्कर आना, हाथ-पैर ठंडे, हृदय गति धीमी होना, हाथ-पैर का सुन्न होना, रक्तचाप में कमी, कमजोरी में इस्तेमाल होने वाले बिसोप्रोलोल फ्यूमरेट और टेल्मिसर्टन के फॉर्मूलेशन का खुदरा मूल्य 11.21 रुपए तय किया गया है। बाजार में फिलहाल यह करीब 130 से 150 रुपए तक में उपलब्ध हैं। एनपीपीए ने थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर मलेरिया रोधी दवा क्लोरोक्वीन की कीमत तय की है जिसके चलते प्रति गोली मूल्य में मामूली बढ़त होगी।
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