प्रशासन व रैस्क्यू टीम के लिए गले की फांस बन रहे फ्री फ्लायर

Monday, Oct 22, 2018 - 02:20 PM (IST)

पपरोला : दुनिया की बेहतरीन साइटों में शुमार बीड़ बिलिंग में इंडियन ओपन कप शुरू होने को महज 1 सप्ताह का समय शेष रहा है। रोजाना सैकड़ों पैराग्लाइडर पायलट व फ्री फ्लायर बिलिंग से उड़ान भर रहे हैं। लेकिन कई पायलट उड़ान भरने के बाद पहाडिय़ों पर क्रैश हो रहे हैं, इसे प्रशासन द्वारा फ्री फ्लायरों के लिए ढील कहें कि हर दूसरे-तीसरे दिन प्रशासन को इन पैराग्लाइडर पायलटों को ढूंढने के लिए रैस्क्यू टीम को भरे जंगलों में भेजना पड़ रहा है।

हालांकि इवैंट से पूर्व इस प्रकार की घटनाएं रैस्क्यू टीमों के लिए वार्म अप से कम नहीं हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा फ्री फ्लायरों को लेकर फिलहाल किसी प्रकार का कोई दायरा या पाबंदी नहीं लगाई गई है। जानकारी के मुताबिक 4 दिन पूर्व बिलिंग से एक विदेशी पायलट बंदला में ही लैंडिंग दौरान क्रैश हो गया था। जिसे 12 सदस्यीय रैस्क्यू टीम द्वारा कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद रैस्क्यू कर वापस बिङ्क्षलग लाया गया था, वहीं बिलिंग में उड़ान दौरान चाइना प्वाइंट के पास महिला पायलट पेड़ पर फंस गई थी, जिसे बाद में रैस्क्यू टीम ने सुरक्षित उतारा था। इसके अलावा कई अन्य पायलट भी छोटे मोटे हादसों के शिकार हुए हैं, वहीं गत शाम एक ओर पायलट क्रैश लैंङ्क्षडग का शिकार हुआ है।

हैरत इस बात की है कि प्रशासन के नाक तले रोजाना सैंकड़ों उड़ानें हो रही हैं, लेकिन फ्री फ्लायरों के लिए कोई दायरा या नियम नहीं बनाएं गए हैं या फिर पायलट प्रशासन द्वारा बनाए नियमों को नहीं मान रहे हैं। इस बारे साडा चेयरमैन विकास शुक्ला ने बताया कि साहसिक खेल में फ्री फ्लायरों के लिए कोई दायरा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि हवा के इस खेल में इस प्रकार की घटनाएं होना लाजिमी हैं।


 

kirti