लॉटरी के नाम पर ठगी करने वाली कंपनी का पर्दाफाश, महिला सहित 2 गिरफ्तार

Tuesday, May 16, 2017 - 10:54 PM (IST)

बिलासपुर: लॉटरी के नाम पर लोगों से ठगी करने के आरोप में बी.आई.पी. थ्रीडी इलैक्ट्रॉनिक्स कंपनी के दोनों निदेशकों को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर ही लिया। एस.पी. बिलासपुर राहुल नाथ ने कंपनी के दोनों निदेशकों संजीव कुमार निवासी छकोह व मंजू बाला निवासी मलोखर को गिरफ्तार करने की पुष्टि की है। जानकारी के अनुसार इन दोनों के विरुद्ध थाना बरमाणा में 7 मार्च, 2017 को भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 409, 415, 506 तथा लॉटरी रैगुलेशन एक्ट 1998 की धारा 6, 7, 8 व 9 के तहत मामला दर्ज हुआ था। 

न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए किया था आवेदन 
मामले के दोनों आरोपियों ने पहले बिलासपुर न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था लेकिन माननीय न्यायालय ने इनकी याचिका को रद्द कर दिया था। इसके बाद इन आरोपियों ने उच्च न्यायालय और इसके बाद उच्चतम न्यायालय से अग्रिम जमानत लेने की कोशिश की थी लेकिन दोनों जगह ही इनकी याचिकाएं रद्द हो गई थीं। इसके बाद इन दोनों आरोपियों के गिरफ्तार होने की संभावना प्रबल हो गई थी लेकिन दोनों आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहे थे। 

बार-बार बदल देते थे रहने का स्थान
पुलिस के बार-बार प्रयास करने के बावजूद दोनों अपने रहने का स्थान बदल देते थे। हालांकि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग कई बार शिकायतकर्ताओं द्वारा एस.पी. व डी.एस.पी. बिलासपुर से की गई। मामले की छानबीन कर रहे खारसी चौकी प्रभारी केवल सिंह ठाकुर को मंगलवार को गुप्त सूचना मिली कि दोनों आरोपी खारसी में मौजूद हैं जिस पर उन्होंने जाल बिछाकर दोनों को गिरफ्तार किया व बरमाणा थाना ले आए। दोनों आरोपियों को पुलिस बुधवार को अदालत में पेश करेगी। 

यह है मामला
इन दोनों आरोपियों ने वर्ष 2015 में कंपनी एक्ट के तहत बी.आई.पी. थ्रीडी इलैक्ट्रॉनिक्स नाम से कंपनी रजिस्टर्ड करवाई। उसके बाद सदस्य बनाने का काम शुरू किया और प्रत्येक सदस्य से 500 रुपए प्रतिमाह लेने शुरू किए। आरोपियों ने करीब 800 सदस्य बनाकर उन्हें प्रतिमाह ड्रा के माध्यम से कार, बाइक, एल.ई.डी. व कूलर आदि निकालने का झांसा दिया। इस दौरान 11 महीने तो ड्रा के माध्यम से कुछ लोगों को सामान दिया लेकिन 12वें महीने में कोई भी ड्रा नहीं निकाला। इस प्रकार करीब 734 लोगों के साथ ठगी की गई। इस मामले को सबसे पहले अधिवक्ता परवेश चंदेल ने उठाया था और उसके बाद आरोपियों के विरुद्ध थाना बरमाणा में प्राथमिकी दर्ज हुई थी।