फ्लोर मिल में सरकारी गेहूं के आटे में घपला, FIR दर्ज

Tuesday, Jul 25, 2017 - 11:41 PM (IST)

घुमारवीं: खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में घुमारवीं एरिया में स्थित एक ही मिल में सरकारी गेहूं की पिसाई के मामले में हुए आटे का गबन नहीं हुआ है बल्कि एक और मिल मालिक इस तरह से सरकारी गेहूं के आटे में बड़े पैमाने पर हुए हेर-फेर के संदेह से घिरा हुआ है। शुरूआती जांच में इस मिल मालिक के खिलाफ  सैंकड़ों क्विंटल गेहूं के बदले में विभाग की उचित मूल्य की दुकानों को दी जाने वाली आटे की सप्लाई के मामले में गड़बड़झाले के आरोपों में विभाग ने बुनियाद भी ढूंढी और कार्रवाई भी अमल में लाई लेकिन मिल मालिक अपने खिलाफ  हुई इस कार्रवाई को लेकर उच्चाधिकारियों के पास अपील में चला गया है। अब यह मामला राज्य में विभागीय निदेशालय के यहां विचाराधीन है। जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक ने इस मामले में पुष्टि करते हुए कहा है कि जल्द ही निदेशालय व सचिवालय स्तर की सुनवाई पूरी होने के बाद इस मामले में राज्य सरकार घुमारवीं की तर्ज पर ही अगली कार्रवाई करेगी। 

पुलिस ने मिल में दी दस्तक
उधर, घुमारवीं इलाके के औहर में स्थित एक मिल के खिलाफ  दर्ज किए गए मुकद्दमे में पुलिस ने मंगलवार को जांच के प्रयास में मिल में दस्तक दी लेकिन मिल में ताला लगा होने के कारण पुलिस को न तो मौके पर प्रबंधक मिले हैं और न मालिक। मालिक ने कहा है कि वह किसी काम से हमीरपुर गया हुआ है। पुलिस ने उसे फोन करके थाने में हाजिर होकर जांच में शामिल होने के लिए कहा है, साथ ही विभागीय अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले में पूरा रिकार्ड पुलिस के हवाले करें ताकि जांच में तथ्यों को जोड़ते हुए गोलमाल के आरोप से घिरे हुए मालिकों के खिलाफ  दर्ज मुकद्दमे में अगली कार्रवाई की जा सके। डी.एस.पी. राजेश शर्मा ने इस मामले में पुलिस कार्रवाई की पुष्टि की है।

सरकार को लगाया लाखों रुपए का चूना
विभाग के जिला अधिकारी ने खुलासा किया है कि गेहंू की पिसाई में यही अकेला मामला घोटाले का नहीं बल्कि बिलासपुर में स्थित एक अन्य फ्लोर मिल भी ऐसे ही एक मामले में विभाग की जांच के दायरे में है। जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि इस मिल में तो घुमारवीं मिल से भी बड़ा घपला हुआ है। विभाग ने शुरूआत जांच में यहां पर इसके साक्ष्य जुटाते हुए उच्चाधिकारियों के पास भेज दिए हैं। जिला स्तर से कार्रवाई भी हुई लेकिन मामले में अब मिल मालिक ने निदेशालय व सचिवालय के स्तर पर अपील कर दी है जिससे इस मामले में मिल मालिक का पक्ष सुना जा रहा है। वहां से यह सुनवाई खत्म होने के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देशों पर इस मामले में भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि दोनों ही मामलों में सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाया गया है।