घाटी सोसायटी में लाखों का घोटाला, एक हजार शेयर होल्डरों में मचा हड़कंप

Tuesday, Jul 23, 2019 - 10:45 PM (IST)

संसारपुर टैरेस (अरविंद): दी कृषि सेवा सहकारी सीमित घाटी में लाखों रुपए का घोटाला उजागर हुआ है। सोसायटी के करीब 80 लाख रुपए के घाटे में डूबने का मामला सामने आते ही सोसायटी के एक हजार से अधिक शेयर होल्डरों में हड़कंप मच गया है। उधर, कंज्यूमर कोर्ट द्वारा शेयर होल्डरों को सोसायटी में उनके शेयर का 10 गुना पैसा जमा करवाने के फरमान के बाद भड़के शेयर होल्डरों ने सोसायटी की कमेटी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बताया जा रहा है कि सितम्बर, 2017 में कंज्यूमर कोर्ट ने उक्त फरमान जारी किया था, जिसका सोसायटी के शेयर होल्डरों को अब जाकर पता चला है।

वर्ष 2005 से 2010 तक 32 लाख के घाटे में चल रही थी सोसायटी

घाटी सोसायटी ने करीब 34 लाख रुपए लोगों से लोन के वसूलने हैं। वर्ष 2005 से लेकर 2010 तक सोसायटी लगभग 32 लाख के घाटे में चल रही थी, जो 9 साल बाद बढ़कर 80 लाख तक पहुंच चुका है। घाटी सोसायटी के कुल 1010 शेयर होल्डर हैं, जिन्होंने मंगलवार को घाटी पंचायत के टेठा केंडु में एकत्रित होकर रोष जताया। लोगों का आरोप है कि कमेटी अपनी मर्जी से डिपो खोलती है, जिससे लोगों को राशन लेने में परेशानी होती है।

सोसायटी की तत्कालीन कमेटियों ने किया गोलमाल 

सोसायटी के शेयर होल्डर अनिल जगोता, मोहन लाल, राजेश्वर, मनीष, प्रेम, अरुण कुमार, सुरिन्द्र, अश्विनी व श्रवण सहित करीब 200 लोगों ने आरोप लगाया कि सोसायटी की तत्कालीन कमेटियों ने यह गोलमाल किया है, जिसकी सजा वे क्यों भुगतें। आरोप है कि सोसायटी के कमेटी सदस्यों ने अलग-अलग सालों में लाखों की हानि दिखा रखी है जिससे साफ है कि सोसायटी में बड़ा घोटाला हो सकता है। 

ऑडिटरों पर उठाए सवाल

सोसायटी के पूर्व प्रधान सुखदेव सिंह ने कहा कि जब से सोसायटी हानि में चल रही है, उस समय से सोसायटी में ऑडिट करने वाले अधिकारी भी इस घोटाले के समान जिम्मेदार हैं क्योंकि उनको भी सोसायटी में हुए घोटाले की जानकारी होगी।

लाखों की जमापूंजी डूबी!

घाटी सोसायटी में शेयर होल्डरों के लाखों रुपए डूब चुके हैं। इनमें कई लोगों को कोर्ट के आदेश पर उनकी धनराशि वापस मिली है जबकि कई अपनी रकम वापस पाने के इंतजार में हैं। एक शेयर होल्डर को सोसायटी से करीब 9 लाख रुपए से अधिक की रकम लेनी है।

कमेटियां करेंगी भरपाई : प्रधान

घाटी सोसायटी की कमेटी के नए प्रधान आर.के. डोगरा ने बताया कि वह साल 2018 में कमेटी के अध्यक्ष बने हैं। कंज्यूमर कोर्ट के 2017 के फैसले की कॉपी उन्हें कुछ समय पहले मिली है। उन्होंने बताया कि सोसायटी लगभग 80 लाख रुपए के घाटे में चल रही है व पूर्व में रही कई कमेटियों ने घाटा दिखा रखा है। यह घाटा संबंधित कमेटियां ही भरेंगी।  

जिस कमेटी ने घाटा दिखाया वह खुद भरेगी : सहायक रजिस्ट्रार

सहायक रजिस्ट्रार देहरा सुदर्शना कुमारी ने बताया कि घाटी सोसायटी में जिस कमेटी ने घाटा दिखा रखा है उसे वह कमेटी खुद भरेगी। राशन डिपो को कमेटी के तय समय अनुसार खोलना होता है। राशन उपलब्ध होने पर भी डिपो बंद करना गलत है। 

Vijay