फोरलेन प्रभावितों ने संघर्ष को दी नई दिशा, DC को ज्ञापन सौंपकर की यह मांग

Saturday, Sep 30, 2017 - 01:01 AM (IST)

मंडी: नागचला से मनाली तक के फोरलेन निर्माण के लिए भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया में भू-अधिग्रहण कानून 2013 के प्रावधानों की अवहेलना निरंतर जारी है, वहीं आंदोलनरत प्रभावितों ने भी हर हालात का सामना करने को कमर कस रखी है। जहां एक ओर प्रभावित उचित मुआवजा न मिलने को लेकर मोर्चा खोले हुए हैं, वहीं अब मुआवजा अवार्ड होने के बाद होने वाली अनावश्यक देरी से प्रभावितों को हो रही ब्याज की हानि के विरुद्ध मोर्चा खोलने के साथ-साथ प्रभावितों व स्थानीय जनता को रोजगार न दिए जाने को लेकर अपने संघर्ष को नई दिशा दे रहे हैं। इन्हीं मुद्दों को लेकर शुक्रवार को प्रभावितों ने फोरलेन संघर्ष समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर के नेतृत्व में डी.सी. मदन चौहान से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर संघर्ष समिति के महासचिव ब्रजेश महंत व स्थानीय रोजगार मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
 
जनता से संवाद कर मुद्दों का हल निकाले नैगोसिएशन कमेटी 
प्रभावितों ने कहा कि जनता से हो रहे अन्याय को रोकने के लिए सभी संवैधानिक प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कर मंडलायुक्त की अध्यक्षता में बनी समन्वय समिति व एस.डी.एम. की अध्यक्षता में बनी नैगोसिएशन कमेटी दोबारा से अपनी बैठकें शुरू करके जनता से संवाद कर मुद्दों का हल निकाले। स्थानीय जनता को रोजगार के लिए प्रभावितों से संवाद करके कमेटी गठित की जाए ताकि समस्या का स्थायी समाधान हो सके। समिति का कहना है कि नागचला से मनाली तक के क्षेत्र में अवार्ड की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और ये अवार्ड दिसम्बर, 2016 से लेकर मार्च, 2017 तक हस्ताक्षरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को 60 दिनों में जमीन आदि परिसंपत्तियां खाली करने का नोटिस थमाया गया है, वहीं अक्तूबर माह शुरू होने जा रहा है लेकिन बहुत से लोग अभी अपने मुआवजे की बाट जोह रहे हैं। समिति का कहना है कि करीब 6 से 8 महीने बीत जाने पर भी प्रभावितों को उनका मुआवजा नहीं मिल पाया है जिससे मुआवजा राशि पर मिलने वाले करोड़ों रुपए के ब्याज का नुक्सान जनता को हो रहा है।