सरकार की लटकाउ नीति से दुखी फोरलेन संर्घष समिति करेंगे एसडीएम कार्यालय का घेराव

punjabkesari.in Friday, Feb 18, 2022 - 10:40 AM (IST)

नूरपुर (राकेश) : फोरलेन संर्घष समिति की एक हंगामी बैठक जसूर में आयोजित हुई। जिसमें फोरलेन प्रभावितों की समस्याओं के समाधान के लिए बनाई गई सरकारी कमेटी के अतिरिक्त संबंधित विभागों के कार्य कलापों तथा समिति द्वारा सरकार को दिए एक सप्ताह के अल्टीमेटम की समीक्षा तथा अगली रणनीति पर व्यापक चर्चा हुई। समिति के अध्यक्ष पूर्व सुबेदार-मेजर दरबारी सिंह की अध्यक्षता में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि समिति सभी प्रभावित लोगों की मदद से अपने रोष का प्रकटीकरण 28 फरवरी को नूरपुर स्थित मुआवजा अधिकारी कम एसडीएम के कार्यालय के घेराव के साथ करेगी। वीरवार को एसडीएम को इस घेराव को किए जाने की विधिवत जानकारी दे दी गई है। 

सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम खत्म अब होगा कार्यालय का घेराव

संघर्ष समिति के महासचिव विजय हीर व कोर कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि कड़बाल से जौंटा तक के करीब 4 दर्जन कस्बों को प्रभावित लोग गत 4 साल से जिस न्याय की उम्मीद में थे, उनका विश्वास व धैर्य दोनों अब लगभग समाप्त होने की कगार पर है। समिति द्वारा एक सप्ताह पहले सरकार व प्रशासन को अल्टीमेटम दिया था कि मुआवजा दर व अधिग्रहण नीति घोषित करे तथा भूमि मुआवजे की विसंगतियों को दूर करते हुए फोरलेन एक्ट 2013 के प्रावधानों का पालन करें। जिसे लागू न करके उनसे विश्वासघात किया गया है। लेकिन सरकार या प्रशासन की तरफ से किसी भी प्रकार का उचित जवाब न आने के चलते समिति अपने अल्टीमेटम को अमलीजामा पहनाने के लिए ऐसा अप्रिय कदम उठाने जा रही है जिसका सारा उत्तरदायित्व सरकार व प्रशासन पर है जो प्रभावित लोगों से दूसरे दर्जें के नागरिक अथवा भिखारी स्तर व्यवहार कर रहे है। 

5 फरवरी डी.सी. की डैड लाईन व कमेटी की बैठक का क्या बना

समिति के पदाधिकारी सुभाष पठानिया तथा भारत भूषण बक्सी के अनुसार सरकार द्वारा 3 केबिनेट मंत्रियों पर आधारित कमेटी द्वारा जनवरी के अंतिम सप्ताह में आयोजित बैठकों में क्या फैसले लिए, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। इस कमेटी को गठन किए कई मास बीत चुके है। इतना ही नहीं डी.सी. कांगड़ा द्वारा करीब एक महीने पहले सभी संबंधित विभागों की एक बैठक बुलाकर उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए थे कि 5 फरवरी तक सभी मामलों का निपटारा हो जाना चाहिए, लेकिन यह डैडलाइन समाप्त हो जाने को 2 सप्ताह हो रहे है विभाग कार्यवाही नहीं कर पाए है। 

नूरपुर-ज्वाली के प्रभावित लोग सर्वाधिक अन्याय के शिकार हुए, सत्तारूढ़ नेताओं ने किया निराश

समिति के पदाधिकारी सरदार सिंह पठानिया ने बताया कि यह नूरपुर व ज्वाली हलके के हजारों प्रभावित लोगों का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि उन्हें मुआवजे तो अब भवनों के मुआवजे में भारी अन्याय तथा भेदभाव का शिकार होना पड़ा है। जहां प्रदेश के बाकी हिस्सों में सर्कल रेट से काफी ज्यादा मुआवजा दिया गया लेकिन नूरपुर के साथ सर्कल रेट में 40 प्रतिशत कटौती लगाकर भारी आगात दिया गया। सत्तारूढ़ दल के विधायक, मंत्रियों व सांसदों तक किसी से भी इन प्रभावितों को सहायता नहीं मिली। संर्घष समिति द्वारा सी.एम. को नूरपुर आने पर समिति ने 4 बार गुहार लगाई लेकिन अभी तक कोई फायदा नहीं हुआ तथा अब कंडबाल से जौंटा तक 4 दर्जन कस्बों की जनता अपने अधिकार के लिए करो या मरो की नीति अपनाने जा रही है।
 


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Content Writer

prashant sharma

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