यहां जमकर गरजे फोरलेन प्रभावित, सरकार-प्रशासन को दी यह चेतावनी

Sunday, Apr 30, 2017 - 10:46 PM (IST)

बिलासपुर: कल्लर पंचायत के तुन्नू गांव के फोरलेन विस्थापितों व प्रभावितों ने प्रदेश सरकार व प्रशासन को चेतावनी दी है कि फोरलेन निर्माण कार्य में बरती जा रही अनियमितताओं के कारण ग्रामीणों के हो रहे नुक्सान व अवैध डंपिंग को यदि प्रशासनिक स्तर पर नहीं रोका गया तथा फोरलेन विस्थापितों की मांगों को नजरअंदाज ही किया जाता रहा तो उग्र आंदोलन होगा। इस बात का निर्णय रविवार को तुन्नू गांव में हुई फोरलेन विस्थापितों एवं प्रभावितों की बैठक में लिया गया। बैठक के बाद ग्रामीणों ने नारेबाजी कर कंपनी व प्रशासन के प्रति अपना गुस्सा भी निकाला। इस बैठक में अन्य फोरलेन विस्थापितों सहित कैंचीमोड़ व मैहला गांव के फोरलेन विस्थापितों ने भी भाग लिया। इस बैठक की अध्यक्षता तुन्नू वार्ड सदस्य बाबू राम ने की। बैठक में फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति के पदाधिकारी भी विशेष तौर पर मौजूद रहे

नियमों को ताक पर रखकर कंपनी कर रही निर्माण 
बैठक में बाबू राम ने कहा कि पिछले 4 वर्षों से फोरलेन सड़क निर्माण में जुटी कंपनी द्वारा नियमों को ताक पर रखकर काम किया जा रहा है। हालांकि फोरलेन विस्थापित व प्रभावित अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाते आ रहे हैं लेकिन उनकी मांगों को कंपनी व प्रशासन द्वारा अब तक नजरअंदाज ही किया गया है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के कारण प्राकृतिक जलस्त्रोत या तो दूषित हो चुके हैं या फिर इन स्त्रोतों से पानी गायब हो चुका है। लोगों को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। 

हजारों टन मिट्टी गिराई जा रही सतलुज में
उन्होंने कहा कि पर्यावरण नियमों को ताक पर रख कर सड़क से निकलने वाली हजारों टनों के हिसाब से पत्थर और मिट्टी सतलुज झील में गिराई जा रही है जिससे आने वाले समय में भाखड़ा बांध को भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रीन ट्रिब्यूनल व न्यायालय ने हालांकि कंपनी के कार्य पर रोक लगा रखी है लेकिन प्रशासन और कंपनी की मिलीभगत से विभिन्न विभागों द्वारा नाममात्र जुर्माना लगाकर काम को बदस्तूर जारी रखा जा रहा है। बेतरतीब ढंग से हो रही ब्लास्टिंग से लोगों के रिहायशी मकानों में दरारें आ चुकी हैं। दिन-रात उड़ रही धूल-मिट्टी से लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। 

कंपनी को दी जा रही मदद पर एशियन डिवैल्पमैंट बैंक लगाए रोक 
वार्ड सदस्य ने एशियन डिवैल्पमैंट बैंक से कंपनी को जनहित विकास के लिए दिए जा रहे पैसे पर भी तुरंत रोक लगाने की मांग की है क्योंकि कंपनी विकास के नाम पर विनाश कर रही है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को इसी तरह से नजरअंदाज किया जाता रहा तो वे सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की होगी।