कांग्रेस में टिकट के 4 दावेदार, पांचवां भी चुनाव लड़ने को तैयार

Saturday, Dec 22, 2018 - 03:45 PM (IST)

बिलासपुर: पार्टी में मौजूदा समय हाशिए पर चल रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं 3 बार हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे सुरेश चंदेल ने आगामी लोकसभा चुनाव लडऩे का मन बना लिया है। बकौल सुरेश चंदेल उन पर उनके चाहने वाले लोग उन पर चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि सुरेश चंदेल ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि वे किसी पार्टी से चुनाव लड़ेंगे या फिर निर्दलीय। पिछले काफी समय से दिल्ली में डेरा जमाए हुए सुरेश चंदेल की कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं। इस बारे में सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चाएं चल रही हैं लेकिन सुरेश चंदेल अभी तक इस पर खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि लोगों का दबाव है और वह जनभावनाओं की कद्र करते हुए उचित समय में निर्णय लेंगे।

पार्टी की गतिविधियों में कम ही नजर आ रहे पूर्व सांसद

गत विधानसभा चुनावों के बाद पूर्व सांसद पार्टी की गतिविधियों में कम ही नजर आ रहे हैं। दिसम्बर महीने के पहले पखवाड़े में बिलासपुर के झंडूता व घुमारवीं में मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान भी वह गायब ही रहे थे। इतना ही नहीं, इसके बाद पार्टी द्वारा राफेल मामले में सुप्रीम न्यायालय से मिली क्लीन चिट के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पुतला दहन किया था तथा इस कार्यक्रम में भी वह गायब ही रहे थे। राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक सुरेश चंदेल मौजूदा समय राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं और ऐसे में उन्हें यदि भाजपा किसी पद पर सुशोभित नहीं करती तो उन्हें लोकसभा चुनाव लडऩा ही होगा।

टिकट के दावेदार में सबसे पहला नाम रामलाल ठाकुर

वहीं बिलासपुर से कांग्रेस से लोकसभा के लिए मौजूदा समय 4 टिकट के दावेदार बताए जा रहे हैं। इनमें सबसे पहला नाम पार्टी में अंदरखाते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं नयनादेवी के विधायक रामलाल ठाकुर का चल रहा है। रामलाल ठाकुर 10 साल के बाद विधायक बने हैं। विधायक बनते ही उनका 10 साल का राजनैतिक बनवास भी समाप्त हुआ है। जिला से सुरेश चंदेल ही वर्ष 1998 से लेकर वर्ष 2006 तक लगातार सांसद रहे हैं। वहीं रामलाल ठाकुर ने भी लोकसभा के 3 चुनाव लड़े हैं और उन्हें इन तीनों चुनावों में ही हार का सामना करना पड़ा था। 3 राज्यों में कांग्रेस को मिली जीत के बाद बदले राजनीतिक परिवेश में रामलाल ठाकुर चुनाव लडऩे के इच्छुक बताए जा रहे हैं और वे इस बार अपनी हार का बदला लेने के लिए आतुर हैं। तर्क दिया जा रहा है कि रामलाल ठाकुर एक मंझे हुए नेता हैं और उनका तीनों जिला में जनाधार भी है।

राजेश धर्माणी भी टिकट के दावेदार

जिला से कांग्रेस से पूर्व संसदीय सचिव एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राजेश धर्माणी भी टिकट के दावेदार बताए जा रहे हैं। राजेश धर्माणी 2 बार घुमारवीं के विधायक रहे हैं। गत चुनावों में मिली हार के बाद राजेश धर्माणी को पार्टी ने राष्ट्रीय सचिव का पद दिया तथा उन्हें उत्तराखंड का सहप्रभारी भी बनाया। पार्टी में मिली नई जिम्मेदारी के बाद उनके समर्थक उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रत्याशी देखना चाहते हैं। राजेश धर्माणी को पार्टी में युवा नेता के रूप में देखा जा रहा है।

रामलाल ठाकुर के पुत्र का भी सोशल मीडिया पर चल रहा नाम

वहीं नयनादेवी से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामलाल ठाकुर के पुत्र एवं कांग्रेस के प्रदेश सचिव विकास ठाकुर का नाम भी सोशल मीडिया पर चल रहा है। उन्हें युवा नेता बताकर सोशल मीडिया में टिकट दिए जाने की वकालत की जा रही है। वहीं सदर से विधायक रहे बंबर ठाकुर ने भी आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपनी कमर कस ली है। बंबर ठाकुर ने तो बाकायदा बिलासपुर से देहरा तक एकदिवसीय कार रैली निकालकर अपने इरादे भी स्पष्ट कर दिए हैं। हालांकि कांग्रेस से संबंधित ये नेता खुलकर टिकट की पैरवी नहीं कर रहे हैं लेकिन इनके समर्थक अंदरखाते ही अपने-अपने नेता के लिए अपने-अपने तरीके से लॉबिंग करने में जुटे हैं।

चुनाव तो लड़ना ही पड़ेगा

पूर्व सांसद सुरेश चंदेल ने कहा कि लोगों का दबाव है तथा वह उचित समय पर जनभावनाओं को ध्यान में रखकर निर्णय लेंगे। उन्होंने बताया कि चुनाव तो लड़ना ही पड़ेगा। वहीं, रामलाल ठाकुर ने बताया कि यदि पार्टी उन्हें चुनाव लडऩे के लिए कहती है तो वह चुनाव जरूर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे पार्टी के सिपाही हैं। उधर, राजेश धर्माणी ने कहा कि पार्टी का आदेश होगा तो चुनाव लड़ेंगे। टिकट का निर्णय पार्टी हाईकमान को करना है। विकास ठाकुर ने बताया कि यदि पार्टी मौका देगी तो वह चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि टिकट देना पार्टी का अधिकार क्षेत्र है। पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है। पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने कहा कि यदि पार्टी टिकट देगी तो वह चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने बताया कि टिकट देने का निर्णय पार्टी आलाकमान को लेना है और पार्टी जो भी निर्णय लेगी वह स्वीकार्य होगा।

Vijay