नाबार्ड के 38वें स्थापना दिवस पर 100 महिलाओं को बांटे 20.30 लाख के ऋण

Friday, Jul 12, 2019 - 05:07 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप): शुक्रवार को कुल्लू में नाबार्ड ने अपना 38वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर जिला कुल्लू के डैप्यूटी डायरैक्टर कम प्रोजैक्ट ऑफिसर डी.आर.डी.ए. सुरजीत सिंह ने मुख्यातिथि के रूप में भाग लिया। उनके अतिरिक्त नाबार्ड जिला विकास प्रबंधक कुल्लू एवं लाहौल-स्पीति ऋषभ सिंह ठाकुर, लीड बैंक प्रबंधक पी.एन.बी. पामा छेरिंग, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक जिला प्रबंधक कुल्लू सरंजीत सिंह, भूट्टिको वीवर्ज सोसायटी के मुख्य महाप्रबंधक रमेश ठाकुर, पी.एन.बी. आर. सेटी के निर्देशक टशी नमगयाल, पी.एन.बी.एफ. एल.सी. कौनसेलर बलबीर सिंह डोगरा, शाखा प्रबन्धक ग्रामीण बैंक शमशी रजत हंसरानी, कुल्लू एवं लाहौल-स्पीति के गैर-सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, कृषक उत्पादक संगठनों के किसान भाई एवं कई लोग उपस्थित रहे। इस मौके पर 10 स्वयं सहायता समूहों की लगभग 100 महिलाओं को 20.30 लाख रुपए के ऋण वितरित किए गए तथा किसान भाइयों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं एवं कुल्लू और लाहौल-स्पीति में कार्य कर रहे गैर-सरकारी संगठनों को भी पुरस्कृत किया गया।

नाबार्ड ने सरकार को आर.आई.डी.एफ. के तहत दिए 7289.47 करोड़

नाबार्ड जिला कुल्लू एवं लाहौल-स्पीति के जिला विकास प्रबंधक ऋषभ सिंह ठाकुर ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए नाबार्ड के मिशन, उद्देश्य और नवीन पहलों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि राज्य में ग्रामीण आधारभूत सुविधाओं जैसे सड़कें, पुल, सिंचाई, पेयजल योजनाओं इत्यादि के लिए नाबार्ड ने राज्य सरकार को 7289.47 करोड़ रुपए की राशि आर.आई.डी.एफ. के अंतर्गत दी है। उन्होंने बताया कि जिला कुल्लू में इस समय सिंचाई-पेयजल इत्यादि के लिए 43 प्रोजैक्ट में नाबार्ड ने 4327.39 लाख रुपए की ऋण सहायता दी है एवं सड़कों व पुलों के लिए 25 प्रोजैक्ट में 8322.09 लाख रुपए की ऋण सहायता दी है।

5.25 करोड़ से किया 76 किसान उत्पादक संगठनों का गठन

उन्होंने जिला के छोटे और सीमांत किसानों के फायदे के लिए और अधिक किसान उत्पादक संगठनों के निर्माण पर बल दिया। उन्होंने बताया कि नाबार्ड ने 5.25 करोड़ रुपए वित्तीय सहायता से राज्य में 76 किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया है एवं जिला कुल्लू में लगभग 56 लाख रुपए की वित्तीय सहायता से 6 किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया गया है, जिससे जिला के लगभग 1000 किसान भाई जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ने जिला लाहौल-स्पीति के आदिवासियों के जीवन स्तर के सुधार के लिए लाहौल व स्पीति में एक आदिवासी विकास परियोजना भी स्वीकृत की है।

Vijay