BJP में टिकटों की बंदरबांट पर पूर्व विस अध्यक्ष ने दिया बड़ा बयान, पढ़ें खबर

Saturday, Oct 07, 2017 - 12:00 AM (IST)

पालमपुर: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तुलसी राम ने कहा कि यह सत्य है कि वर्ष 2012 में मेरा टिकट शांता कुमार की जिद के कारण ही काटा गया जिस कारण भरमौर से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने जारी प्रैस वक्तव्य में कहा कि 40 हजार व्यय कर 500 लोगों को कांगड़ा से भरमौर वोट डालने हेतु भेजे जाने की बात से वह पूरी तरह से अनभिज्ञ हैं तथा वह नहीं जानते कि ये कौन लोग थे तथा क्यों भेजे गए। उन्होंने आशंका जताई कि हो सकता है कि उन्हें हराने के लिए ये लोग भेजे गए हों। उन्होंने कहा कि 16 वोटों से जीतकर उन्होंने भाजपा सरकार बनाने में योगदान दिया परंतु भाजपा प्रवक्ता को संभवत: यह ज्ञात नहीं कि कुछ नेता मुख्यमंत्री रहने के बाद भी अपने क्षेत्र से चुनाव हारते रहे हैं परंतु उस पर कभी चर्चा नहीं की। 

पार्टी के प्रति समर्पित, आगाह करने का किया काम
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार ने उन्हें वरिष्ठता के आधार पर आसीन किया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने मात्र पार्टी को आगाह करने का कार्य किया है क्योंकि वह पार्टी के प्रति समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि यदि इस बार भी वर्ष 2012 की भांति टिकटों की बंदरबांट की गई तथा कमजोर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे गए तो वर्ष 2012 की पुनरावृत्ति हो सकती है तथा पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ सकता है। उन्होंने पार्टी हाईकमान से ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारने का आग्रह किया जो जीत की क्षमता रखते हों ताकि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त हो सके। 

मेरी शालीनता से पक्ष-विपक्ष परिचित
उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश प्रवक्ता द्वारा जो शालीनता की बात कही गई है, उसका प्रमाण उन्होंने 3 बार भरमौर से विधायक व 5 वर्ष तक हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष के रूप में दिया है तथा इससे तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल तथा पक्ष व विपक्ष के सभी विधायक परिचित हैं। यहीं नहीं पालमपुर तथा भरमौर विधानसभा क्षेत्र की जनता उनकी शालीनता से भलीभांति परिचित है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से वह राजनीति के माध्यम से जनता की सेवा कर रहे हैं।