प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद करने का फैसला कर्मचारियों से धोखा : सुधीर

Thursday, Jul 25, 2019 - 11:39 PM (IST)

धर्मशाला: सरकार द्वारा जो प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद करने का फैसला लिया गया है वह सिर्फ राजनीति से प्रेरित है। पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों को सस्ता और जल्द न्याय प्रदान करने के उद्देश्य से ट्रिब्यूनल का गठन किया गया था परंतु पिछली बार भी जब धूमल के नेतृत्व में 2007 में भाजपा की सरकार बनी थी तो ट्रिब्यूनल को बंद कर दिया गया था। इस वजह से कर्मचारियों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए हाई कोर्ट का रुख करना पड़ा। कांग्रेस पार्टी ने ट्रिब्यूनल का पुनर्गठन किया, लेकिन भाजपा सरकार ने फिर इसे बंद करने का फैसला लिया है।

घोषणा पत्र में किया था ट्रिब्यूनल का स्थायी पीठ बनाने का वायदा

उन्होंने कहा कि विधानसभा के चुनावों के समय भाजपा के घोषणा पत्र में यह मुख्य रूप से दर्शाया गया था कि इस बार भाजपा की सरकार बनी तो धर्मशाला व मंडी में ट्रिब्यूनल का स्थायी पीठ बनाएंगे लेकिन इसे बंद करने का फैसला लेकर सरकार ने कर्मचारियों के साथ धोखा किया है।

फैसले को वापस लें मुख्यमंत्री नहीं तो होगा विरोध

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस फैसले को तुरंत वापस लें और घोषणा पत्र पर अमल करते हुए धर्मशाला और मंडी में स्थायी पीठ स्थापित करवाएं। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार अपने तानाशाही रवैये पर कायम रहती है तो कांग्रेस पार्टी इसका हर मोर्चे से विरोध करेगी।

Vijay