वन कर्मियों के साथ अजीबो गरीब मजाक, जान बचानी है तो खुद खरीदो हथियार

Friday, Jul 06, 2018 - 03:18 PM (IST)

शिमला (राजीव): हिमाचल प्रदेश में वन फोरेस्ट गार्ड को अब अपने ही पैसों से हथियार खरीदने पड़ेंगे। इनकी सुरक्षा के लिए नीति बनाने का दावा करने वाली जयराम सरकार ने वन सुरक्षा कर्मियों के कंधों पर ये अतिरिक्त बोझ डालने का फरमान जारी किया है। सरकार ने अपने हाथ पीछे खींचते हुए कहा है कि जंगलों की सुरक्षा के लिए तैनात वन कर्मियों को अपनी मनपसंद की राइफल्स या बंदूके खुद ही लेनी पड़ेंगी।


इसके बाद खुद के पैसों से हथियार खरीद कर अपनी सुरक्षा के साथ-साथ जंगल, जंगली जानवरों और जंगल की अमूल्य संपदा की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी। हालांकि प्रदेश सरकार ने हथियारों की खरीद के लिए इन कर्मचारियों को करीब 12 हजार अनुदान देने की दरियादिल्ली जरूर दिखाने का जिम्मा उठाने का दावा किया है। वहीं दूसरी ओर सवाल खड़ा होता है कि एक फारेस्ट गार्ड की महीने की तनख्वाह मात्र 10 हजार रुपए है, जबकि सूत्रों की मानें तो उनके लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों की कीमत 35 हजार रुपए से 50 हजार तक है। यानी पहले से ही माड़ी हालत में अपने परिवार का गुजारा बसर करने वाले फारेस्ट गार्ड्स पर सरकार ने अतिरिक्त वितीय बोझ डालने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। 
 

Ekta