बंदर को मारने पर वन विभाग देगा 500 रुपए ईनाम

Friday, Sep 14, 2018 - 10:20 PM (IST)

डल्हौजी: बंदरों की बढ़ती संख्या से किसान परेशान हैं। बंदरों के आतंक के चलते किसान व बागवान खेतों व बगीचों से खुद को दूर रखने के लिए मजबूर हो रहे हैं, ऐसे में सरकार द्वारा बंदरों को मारने की जो अनुमति दी गई है, उससे न सिर्फ किसानों व बागवानों को राहत मिलेगी बल्कि बेरोजगार को यह रोजगार का साधन भी बन सकता है। जानकारी के अनुसार सरकार ने बंदरों को मारने की एवज में 500 रुपए प्रति बंदर देने की भी व्यवस्था कर रखी है। इस रोजगार को अपनाने के लिए बस अचूक निशाने की जरूरत है।

बंदरों को घोषित किया पीड़क जंतु
वन विभाग की मानें तो बंदरों को मारने के लिए सरकार को यह फैसला लेने के लिए इसलिए मजबूर होना पड़ा है क्योंकि इनकी बढ़ती संख्या खेती के विनाश के साथ जीवन और सम्पत्ति को हानि पहुंचा रही है। राज्य सरकार की इसी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार ने वन्यजीव अधिनियम ए 1972,1972 का 53 की धारा 62 के अंतर्गत बंदरों को पीड़क जंतु घोषित किया है।

प्रदेश में सवा 3 लाख बंदर
हिमाचल में करीब सवा 3 लाख बंदर हैं। शहर से लेकर गांव तक लोगों को परेशान करने वाले बंदरों का यह आंकड़ा निश्चिततौर पर चांैकाने वाला है। वन विभाग भले इस आंकड़े पर अंकुश लगाने के लिए प्रयासरत है लेकिन स्थिति उम्मीद के अनुरूप नजर नहीं आ रही है। इसकी वजह यह है कि कम लोग ही बंदरों को मारने के कार्य को अंजाम देने में रुचि ले रहे हैं। सिमटते जंगलों के चलते बंदर अब आबादी वाले स्थानों की ओर रुख करने लगे हैं।

ईनाम के रूप में दिए जाएंगे 500 रुपए
वन मंडलाधिकारी डल्हौजी राकेश कटोच ने बताया कि  यह सच है कि सरकार द्वारा बंदरों को पीड़क जंतु घोषित किया गया है और इसके तहत डल्हौजी में लोगों को बंदर मारने की इजाजत होगी। इसके लिए उन्हें 500 रुपए ईनाम के रूप में दिए जाएंगे लेकिन बंदर मारने के बाद वन विभाग की टीम की देखरेख में मारे गए बंदर को दबाना होगा।

Vijay