वन विभाग ने सेब के हजारों पेड़ों पर चलाई अारी, पढ़ें क्यों

Saturday, Jun 30, 2018 - 09:17 AM (IST)

कुल्लू : जिला के कई इलाकों में पहले अवैध कब्जाधारियों ने वन भूमि पर सेब के बगीचे लगाकर करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाया। माननीय उच्च न्यायालय की सख्ती के बाद वन विभाग ने सेब के हजारों पेड़ काट डाले लेकिन इसके बावजूद भी अवैध कब्जाधारियों के हौसले कम नहीं हुए हैं। घाटी की वन भूमि में जहां पर वन विभाग ने अवैध कब्जों को हटाया था वहां पर कब्जाधारियों ने फिर कब्जा कर वन भूमि पर फल एवं सब्जियां उगाना शुरू कर दिया है। वहीं कई अवैध कब्जाधारी तो वन भूमि पर मटर, टमाटर, गोभी व अन्य फसलें उगाने के बाद सब्जी मंडियों में बेचकर चांदी कूट रहे हैं। जिला मुख्यालय से सटी खराहल घाटी के तांदला में कुछ ऐसा ही प्रत्यक्ष उदाहरण देखने को मिल रहा है।

गौरतलब है कि तांदला गांव से सटे मलहोणी के जंगलों में 2 दशक पूर्व देवदार के घने जंगल इलाके की सुंंदरता को शोभा बढ़ाते थे लेकिन अब अवैध कब्जाधारियों ने देवदार के पेड़ों के बीच कब्जा जमाने के साथ सेब व अन्य फसलें लगा रखी हैं। वहीं कई इलाकों में कब्जाधारियों ने कब्जाई गई भूमि पर भारी मात्रा में चरस की खेती भी की है लेकिन जिला के अनेक इलाकों में वन भूमि पर अवैध कब्जा जमाए बैठे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने से वन विभाग डर रहा है।

टहनियां काटकर सुखाए दर्जनों देवदार के पेड़
काईस क्षेत्र से सटे मलहोणी के जंगलों में अवैध कब्जाधारी यहां कई वर्षों से वन भूमि पर बाड़बंदी करने के बाद सेब व अन्य फसलों को उगाते रहे हैं। सेब व अन्य फसल को ग्रोथ मिले इसके लिए कब्जाधारी हर साल कुछेक देवदार की टहनियों को काटते हैं जिस कारण अब तक देवदार के दर्जनों पेड़ सूख गए हैं। इससे पर्यावरण को भारी नुक्सान पहुंच रहा है।

kirti