ऊना में ये कॉलोनी स्थानीय वाशिंदों के लिए बनी गले की फांस, बढ़ा बीमारियां फैलने का खतरा

Thursday, May 30, 2019 - 12:03 PM (IST)

ऊना(अमित): शहरों के विकास के नाम पर कंक्रीट के जंगल अपना विस्तार तो कर रहे है लेकिन इस कंक्रीट के जंगल के निर्माता अपने दायित्व से मुंह मोड़ रहे हैं। कुछ ऐसा ही सामने आया है ऊना के गांव चताड़ा में, जहां एक कॉलोनी के निर्माताओं की गलती का खामियाजा वहां आस पास के वाशिंदों को भुगतना पड़ रहा है। हुआ यूं कि इस कॉलोनी से निकलने वाला गंदा पानी आस पास के लोगों के खेतों में घुस रहा है, जिसकी वजह से खेती तो खराब हो रही है वहीँ पशुधन का भी नुक्सान हो रहा है। वहीं क्षेत्र में बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। कॉलोनी के साथ लगती भूमि के मालिकों ने कॉलोनी प्रबंधक, पंचायत और प्रदूषण विभाग में भी कई दफा शिकायत की लेकिन नतीजा शून्य ही रहा। अब परेशान लोगों को बस मीडिया से ही उम्मीद है।

स्थानीय लोगों की माने तो जब कालोनी का निर्माण हुआ था तो प्रबंधकों ने कालोनी के गंदे पानी को ट्रीट करके छोड़े जाने की बात कही थी जिससे उन्हें अपने खेतों को साफ़ पानी मिलने की उम्मीद जगी थी। कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनी के घरों से निकलने वाले गंदे पानी के लिए टैंक भी बनाया गया और उसमें ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया गया। लेकिन स्थानीय लोगों की माने तो यह प्लांट आज तक चला ही नहीं और सारी कालोनी का गंदा पानी अब उनकी जमीनों में खड़ा हो रहा है। जिससे उनकी भूमि तो खराब हो ही रही है वहीँ तालाब बनी भूमि में मक्खी मच्छरों के साथ साथ जहरीले जीव जंतु भी पांव पसारने लगे है। स्थानीय लोगों की माने तो इस गंदे पानी को पीने से दो जंगली गाय की मौत भी हो गई। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई है।

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