फोरलेन की भेंट चढ़ा मकान, एक भाई को मिला मुआवजा- दूसरा खा रहा ठोकरें (Video)

Wednesday, Aug 22, 2018 - 02:34 PM (IST)

सुंदरनगर (नितेश सैनी): नगर परिषद के वार्ड नंबर तीन के ठाठर में फोरलेन की जद में आने से दो भाईयों का रिहायशी मकान भेंट चढ़ गया है। गनीमत यह रही कि फोरलेन की भेंट चढ़े रिहायशी मकान खेमा राम व शेर सिंह में से एक के मकान का हिस्सा रह गया। लेकिन खेमा के नाम का हिस्सा चला गया। जिससे आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए खेमा राम के मकान से शेर सिंह के मकान का हिस्सा वर्तमान में जर्जर होकर रहा गया है। अपनी व्यथा सुनाते हुए शेर सिंह ने बताया कि मेरा और मेरे भाई का ज्वाइंट मकान है। लेकिन भाई के मकान का मुआवजा कंपनी ने दे दिया और मेरे मकान का मुआवजा नहीं दिया गया है। 


शेर का कहना है कि कंपनी द्वारा दोनों मकानों पर अलग-अलग नंबर अंकित किए गए हैं और दोनों की अलग अलग पैमाइश हुई है। लेकिन एक मकान का 8 लाख मुआवजा बनाया गया और दूसरे का कुछ नहीं। उनका कहना है कि कंपनी द्वारा मकान का मौका कर एस्टिमेट बनाया गया है। शेर का कहना है कि खुद उन्होंने मकान के मुआवजे के लिए डीसी मंडी, कंपनी के इंजीनियर और भूमि अधिग्रहण अधिकारी बिलासपुर को भी पत्र दिया। लेकिन आज तक किसी ने कोई भी सुनवाई नहीं की। उनका कहना है कि स्थानीय पटवारियों का कहना हैं कि शेर का मकान फोरलेन की जद में नहीं गया है। लेकिन सयुंक्त में से एक भाई के मकान पूरी तरफ से जद में आया है और दूसरा मुआवजे के लिए इधर-उधर भटक रहा है। 


वहीं उन्होंने कहा कि मकान के टूटने की वजह से घर का सारा सामान घर के बाहर बिखरा पड़ा है और रहने के लिए भी कोई स्थान नहीं बचा है। अगर टूटे हुए मकान में रहूे तो वह कभी भी गिर सकता है। जिसकी वजह से कोई बड़ा हादसा हो सकता है।उन्होंने बताया कि करीब एक महीने से सामान घर से बाहर पड़ा हुआ है और परिवार बारिश में रहने को मजबूर है। दूसरी ओर लड़के संजीव कुमार का कहना है कि मकान का एस्टिमेट बना हुआ है और नंबर पड़े हुए हैं। लेकिन अब टुटा हुआ मकान बारिश की वजह से और गिर रहा है। मकान का न मुआवजा मिला और न फोरलेन कंपनी के साथ प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान है। उधर एसडीएम सुंदरनगर का कहना है कि मामले की गहनता से जांच की जाएगी और फोरलेन कंपनी से प्रभावितों को हर संभवत मदद दिलाई जाएगी।
 


 

Ekta