इस कारण से अभिभावकों ने प्रदेश सरकार से की स्कूलों को खोलने की मांग

punjabkesari.in Sunday, Sep 19, 2021 - 03:19 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप) : हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल के चलते 2 सालों से छात्रों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हुई है। ऐसे में एक तरफ जहां ऑनलाईन कक्षाओं से बच्चे मोबाईल में दिन रात व्यस्त रहने से ऑखों पर प्रेशर पड़ रहा है और मोबाईल में गेम्स और वीडियों देखने बच्चों की पढ़ाई में रूचि नहीं ले रहे है। ऐसे में बच्चे दिमागी तौर पर स्ट्रेस ले रहे है, जिसके कारण अधिकतर छोटे बच्चों को चश्में लगाने पड़ रहे है। दूसरी तरफ तरह दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों मे नेटवर्क प्रॉब्लम की वजह से ऑनलाईन पढ़ाई प्रभावित हो रही है जिसके कारण छात्रों को परेशानियों का सामान करना पड़ रहा है। यहीं नहीं सबसे ज्यादा दिक्कतें उन गरीब छात्रों को झेलनी पड़ रही है जिनके पास स्मॉर्ट फोन न होने से ऑनलाईन पढ़ाई नहीं कर पा रहे है। ऐसे में छोटे बच्चों की पढ़ाई सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है जिसमें 1 से 5 वीं कक्षा तक के बच्चे सिर्फ मोबाईल फोन पर टाइम पास कर रहे है। ऐसे में अभिभावकों ने प्रदेश सरकार से स्कूलों को खोलने की मांग की है। जिससे देश के भबिष्य छात्रों की पढ़ाई रूचारू रूप से संचलान हो सके। 

जिला परिषद सदस्य आशा ठाकुर ने कहाकि पिछले 2 सालों स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है लेकिन अब कोरोना महामारी प्रकोप कम हो गया है, जिससे सरकार को स्कूलों को खोलने का निर्णय लेना चाहिए ताकि कोविड 19 के एसओपी के हिसाब से स्कूलों में सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए पढ़ाई शुरू की जाए। जिसके लिए 50 प्रतिशत छात्रों की अलग अलग कक्षाएं चलाई जाए। उन्होंने कहाकि दूर दराज के क्षेत्रों में नेटवर्क की वजह से पढ़ाई नहीं हो रहे है और छोटे बच्चें स्कूल जाना भूल गए है। उन्होंने कहाकि देश का भविष्य खराब हो रहा है ऐसे में जब प्रदेश में रैलियां धरने प्रदर्शन व दौरे हो रहे है उसको देखते हुए स्कूलों को खोलना चाहिए। उन्होंने कहाकि ऑनलाईन पढ़ाई से बच्चों की आंखों और दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में सरकार को निर्णय लेना चाहिए। 

भूट्टी स्कल के एसएमसी के अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहाकि 2 सालों से पढ़ाई प्रभावित होने से देश का भविष्य खराब हो रहा है ऐसे में दूर दराज के क्षेत्रों नेटवर्क की दिक्क्कतें है और गरीब बच्चों के पास मोबाईन न होने से दिक्कतें आ रहे है। उन्होंने कहाकि सरकार को स्कूल खोलने का निर्णय जल्द लेना चाहिए। जिला परिषद सदस्य विभा सिंह ने कहाकि कोरोना काल में स्थिति बहुत खराब हुई है। 2 सालों से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है और आज कोरोना पर कुछ हद तक नियंत्रण पा लिया है ऐसे में ऑनलाईन अच्छे पढ़ाई नहीं हो रही है जिसमें सरकार को स्कूलों खोलने चाहिए। जिसके लिए सरकार को रूल्स बनाकर स्कूलो कें ऑफ लाईन पढ़ाई शुरू होनी चाहिए। उन्होंने कहाकि मैंने अपने बच्चें को हॉस्टल में भेजा है।

निजी स्कूल के प्रिसिंपल सुरेश कुमार ने बताया कि कोरोना के चलते बच्चों की पढ़ाई के साथ साथ सेहत के साथ भी नुकसान हो रहा है और बच्चे मोबाइल का ज्यादा प्रयोग कर रहा है जिसके कारण मैंटली भी हरास हो रहे है। उन्होंने कहाकि बच्चे मोबाईल का इतना ज्यादा उपयोग कर रहा है जिससे कई तरह के साईड इफैक्ट हो रहा है। उन्होंने कहाकि स्कूल प्रबंधन और अभिभावक इसको लेकर बैठकर निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने कहाकि सरकारी स्कूलों में प्राईमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है ऐसे में उन स्कूलों को खोलने में दिक्कतें नहीं होनी चाहिए। सरकार को स्कूल खोलना चाहिए। उन्होंने कहाकि सरकारी स्कूलों में गरीबों के बच्चें पढ़ रहे है जो अपने बच्चों को स्मार्ट फोन नहीं दे सकते है। उन्होंने कहाकि ऐसे स्कूलों में एसओपी के हिसाब से शिक्षण संस्थानों को खोलने चाहिए।
 


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Content Writer

prashant sharma

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