ब्यास दरिया में आई बाढ़ ने मचाया कहर, मंड क्षेत्र में 4 करोड़ की फसल तबाह

Saturday, Mar 20, 2021 - 11:09 PM (IST)

डमटाल (सिमरन): बीती रात पौंग बांध से छोड़े गए पानी के कारण ब्यास दरिया में आई बाढ़ ने मंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों में तबाही मचाई है। लोगों के खेतों में लहलहाती फ सलें तबाह हो गई हैं। किसानों की सालभर की कमाई पौंग बांध से छोड़े गए पानी में बह गई। बाढग़्रस्त प्रभावित लोगों से मिलने के लिए जिला कांगड़ा कांग्रेस अध्यक्ष अजय महाजन से लोगों ने मिलकर सरकार, प्रशासन व पौंग बांध प्रबंधन के खिलाफ रोष व्यक्त किया। पानी से हुई तबाही में सबसे ज्यादा प्रभावित मंड, बहादपुर, बड़ाला, हल्ले, राजगिरि भटोली, मलाल व भोग्रवां आदि गांव हुए हैं।

स्थानीय किसानों ने बताया कि पौंग बांध से बीती रात को छोड़े गए पानी के कारण उनकी खेतों में गन्ने की फसल, सरसों और गेहूं की फसल, जिसकी मात्र 15 दिनों के बाद कटाई होने वाली थी, बाढ़ के कारण पूरी तरह से नष्ट हो गई है। पानी के कारण ट्यूबवैल में लगी भी मोटर जल गई तथा मवेशियों के लिए लगाया गया चारा भी तबाह हो गया। किसानों की सालभर की कमाई पानी में बह गई, जबकि किसानों पर लाखों का कर्ज है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी बांध से छोड़े गए पानी के कारण उनकी फसलें तबाह हो गई थीं, जिसकी सरकार न कोई सुध नहीं ली और कोई मुआवजा भी किसानों को नहीं मिला। इस बार भी करीब 600 एकड़ से अधिक की भूमि पर लगी करीब 4 करोड़ की फसल तबाह हो गई।

बाढग़्रस्त क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे जिला कांगड़ा कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व में रहे नूरपुर के विधायक अजय महाजन ने बताया कि सरकार किसानों की फसलों को हुए नुक्सान की तुरंत प्रभाव से भरपाई करे। इससे पहले भी कई मर्तबा किसानों की फ सल पानी से तबाह हो गई, लेकिन सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। उन्होंने कहा कि सरकार ब्यास दरिया को चैनेलाइज करे। किसानों को आगामी खेती के लिए सरकार मुफ्त बीज व काटनाशक दवाइयां मुहैया करवाए। वहीं मौके पर पहुंचे एसडीएम इंदौरा सोमिल गौतम ने बताया कि जल्द ही किसानों के हुए नुक्सान का प्रशासन आकलन करेगा और रिपोर्ट बना डीसी कांगड़ा को प्रेषित की जाएगी। किसानों का करोड़ों का नुक्सान हुआ है। वहीं पौंग बांध से छोड़े जाने वाले पानी के लिए भी बांध प्रबंधन के साथ बैठक कर कोई रणनीति तैयार की जाएगी।

हलेड़ में ख्वाजा पुल का पिल्लर धंसा

पौंग बांध से छोड़े गए पानी के कारण गांव हलेड़ में ख्वाजा पुल का एक पिल्लर पानी के बहाव के कारण धंस गया, जिससे पुल कभी भी धराशायी हो सकता। इस पुल से रोजाना हजारों लोग निकलते हैं। लोगों ने सरकार से मांग की है कि बांध से एक साथ पानी छोड़ने की बजाय कम मात्रा में निरंतर पानी छोड़ा जाए, ताकि क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पैदा न हो। उन्होंने ब्यास दरिया में करीब 200 मीटर लंबी टूटी धुस्सी को भी पक्का करने की मांग की है, ताकि ब्यास का पानी इन बाढग़्रस्त क्षेत्रों में न पहुंच पाए।

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Vijay