सरसा नदी में रसायनयुक्त पानी से मरी मछलियां, सूचना देने के बाद भी प्रदूषण बोर्ड मौन

punjabkesari.in Tuesday, Jun 09, 2020 - 09:05 PM (IST)

नालागढ़ (ब्यूरो): शहर के साथ लगते सैणी माजरा व प्लासी कलां पंचायत के साथ लगती सरसा नदी में उद्योगों का रसायनयुक्त पानी मिलने से हजारों की संख्या में मछलियों की मौत हो गई है। इस कारण इन पंचायतों में दुर्गंध फैल गई है। नदी का यही पानी खेतों में भी जाता है। इससे फसल पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है। नदी के इस पानी को पशु भी पीते हैं जिससे उनकी जान को भी खतरा बना हुआ है। इससे पहले भी कुछ उद्योगों के पानी व बिजली के कनैक्शन काटे थे लेकिन बाद में राजनीतिक दबाव के चलते इन कंपनियों के कनैक्शन वापस जोड़ दिए।

प्रवासी कामगार थैलों में भरकर ले गए मछलियां

जानकारी के अनुसार सोमवार रात्रि अचानक मछलियां तपड़ कर नदी के किनारे आने लगीं। प्रवासी कामगार थैलों में भर कर मछलियां ले गए। येे लोग बड़ी मछलियां को तो ले गए लेकिन छोटी मछलियां अभी तक नदी के किनारे पड़ी हुई हैं। मंगलवार को प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड बद्दी की टीम ने मौके पर जाकर सैंपल एकत्रित किए। अगर किसी उद्योग के साथ सैंपल मैच करता है तो उस पर कार्रवाई हो सकती है।

नहीं हो रही कार्रवाई

किसान बलबीर सिंह, राहुल, कुलवंत, रामानंद, कुलदीप, राकेश, प्यारे लाल, ओम प्रकाश व लखवीर सिंह ने बताया कि प्रदूषण विभाग को सूचित करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। विभाग की मिलीभगत से उद्योग पति यह पानी नदी में छोड़ते हैं। लोगों का दावा है कि सभी उद्योगों ने अपने परिसर में ईटीपी प्लांट लगा रखे हैं लेकिन यह केवल शोपीस बने हुए हैं। यह खाली प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों को दिखाने के लिए बना रखे हैं। जैसे ही अधिकारी वहां से निकल जाते हैं यह प्लांट भी बंद हो जाते हैं। लोगों का कहना है कि प्रदूषण बोर्ड में जो भी अधिकारी आ जाता है वह यहां से जाने का नाम नहीं लेता है। जिससे यहां पर प्रदूषण ठीक होने की बजाए बिगड़ता जा रहा है।

चर्म रोग की चपेट में आ रहे लोग

प्लासी कलां पंचायत के प्रधान अवतार सिंह ने बताया कि बीबीएन के उद्योग प्रदूषित पानी सरसा नदी में छोड़ देते हैं जिससे पानी से जीव जंतु मर जाते हैं। बरसात की आड़ में यह दूषित पानी छोडऩे से मछलियां तो मरती ही हैं, साथ ही नदी में बने ट्यूबवैल के माध्यम से यह पानी किसानों के खेतों तक जाता है जिससे किसानों को फसलें बर्बाद हो रही हैं। साथ ही किसान भी चर्म रोग की चपेट में आ रहे हैं। वहीं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मैंबर सैक्रेटरी आदित्य नेगी का कहना है कि बद्दी कार्यालय के अधिकारी को मौके पर जाकर जांच के निर्देश दे दिए हैं।


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Vijay

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