खुशखबरी! हिमाचल में खुलेगा स्टील कारखाना, 600 युवाओं को मिलेगा रोजगार

Sunday, Jun 11, 2017 - 10:32 AM (IST)

धर्मशाला: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के कंदरोड़ी में स्थापित पहले स्टील उद्योग में अगले महीने से उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। उद्योग की क्षमता एक लाख टन स्टील उत्पादन की होगी। उद्योग के माध्यम से 700 के लगभग युवाओं को रोजगार मिलेगा। यह बात केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने धर्मशाला में शनिवार को पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि सेना की ओर से आपत्ति जताने के बाद  कंदरोड़ी में 76 करोड़ रुपए की लागत से स्थापति इस उद्योग में  वर्ष 2009 के बाद कोई काम नहीं हुआ। हालांकि सेना का मसला भी सुलझ गया लेकिन इसके बावजूद स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया उद्योग को शुरू नहीं कर पा रही थी। उन्होंने बताया कि कंदरोड़ी स्थित उद्योग में टी.एम.टी. सरिया निर्मित किया जाएगा तथा ट्रायल के लिए 4 हजार टन स्टील दे दिया गया है, जिसके तहत उद्योग श्रमिक ट्रायल में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस उद्योग में उत्पादित होने वाली स्टील की बिक्री की भी व्यवस्था कर दी गई है।

नई नीति के तहत स्टील की खपत बढ़ाने का रखा लक्ष्य
उन्होंने कहा कि ट्रांसफर ऑफ पॉलिसी के तहत देश में इस्पात उद्योग लगाने वालों का स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले देश की पुरानी स्टील नीति का लक्ष्य पूरा न होने के चलते अब नई स्टील नीति बनाई गई है, जिसके अनुसार देश में प्रति व्यक्ति स्टील की खपत बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में इस्पात की अभी तक खपत 208 किलोग्राम है जबकि भारत में यह इस्पात की खपत 64 किलोग्राम है। वहीं गांव में यह खपत 12 किलोग्राम प्रति व्यक्ति है। उन्होंने कहा कि नई इस्पात नीति में बदलाव लाने के बाद इसकी खपत को 160 किलोग्राम प्रति व्यक्ति करने का लक्ष्य रखा गया है। 

बी.आई.एस. हॉलमार्क लगाना अनिवार्य
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 के बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 4 लाख करोड़ का रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है तथा यदि कोई देश भारत में नई टैक्नोलाजी के साथ स्टील उद्योग लगाना चाहे तो इसका स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई इस्पात नीति के तहत भारत में बनने वाले स्टील में गुणवत्ता के लिए बी.आई.एस. हॉलमार्क लगाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि चाहे देश में स्टील टाटा बनाए या स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया उस पर स्टैंडर्ड मैंटेन रखने के लिए बी.आई.एस. की मोहर लगाना अनिवार्य होगा ताकि देश में उत्पादित होने वाले स्टील की गुणवत्ता बनी रहे। 

हिमाचल में बनाए जाएंगे 2.30 लाख आवास 
उन्होंने कहा कि नई स्टील नीति के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2022 तक 5 करोड़ आवास बनाने का निर्णय लिया गया है। इन आवासों को स्टील से निर्मित किया जाएगा। इसी योजना के तहत हिमाचल में 2.30 लाख आवास निर्मित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाली गंभीर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार क्रैश बैरियर लगाने पर निर्णय ले। क्रैश बैरियर में प्रयुक्त होने वाली स्टील की गुणवत्ता को भी जांचा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में क्रैश बैरियर से दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों में 64 फीसदी मौतें गंभीर दुर्घटनाओं के कारण होती हैं, ऐसे में सरकार को क्रैश बैरियर पर शीघ्र निर्णय लेना चाहिए।

अधिकतर आधारभूत ढांचें में प्रयोग होगा स्टील
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों, रेलवे व एन.एच. विभाग को कंकरीट की बजाय स्टील पुलों के निर्माण के निर्देश जारी किए गए हैं। स्टील से बनी ढांचें की उम्र लंबी होगी तथा इसे बनाने में भी कम समय लगेगा। उन्होंने कहा कि कंकरीट का पुल 15 से 20 साल तक ठीक रह सकता है जबकि स्टील का पुल 150 तक टिका रह सकता है।