हिमाचल में लगेगा पहला व देश का चौथा बड़ा व्हाइट सीमैंट प्लांट, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

Thursday, May 10, 2018 - 01:42 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश के पहले और देश के चौथे बड़े व्हाइट सीमैंट प्लांट को सिरमौर जिला के नौहराधार में लगाने का रास्ता साफ हो गया है। इस सीमैंट प्लांट पर करीब 500 करोड़ रुपए का निवेश होगा, जिससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसका फायदा प्लांट तथा सीमैंट की ढुलाई में लगे ट्रांसपोर्टरों को होगा। इसके लिए 108 हैक्टेयर भूमि लीज पर मैसर्ज एफ .सी.आई. अरावली जिप्सम एंड मिनरल्ज इंडिया लिमिटेड (भारत सरकार का उपक्रम) जोधपुर, राजस्थान को लैटर ऑफ इन्टैंट (एल.ओ.आई.) जारी करने को मंत्रिमंडल ने पहले ही मंजूरी प्रदान कर दी है। नौहराधार में प्लांट लगाने के लिए प्री-फि जिबिलिटी स्टडी को पूरा कर लिया गया है। इसके लिए अब निशानदेही का कार्य शुरू कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार नौहराधार में लगने वाले व्हाइट सीमैंट प्लांट से पहले राजस्थान में 2 और दक्षिण भारत में 1 प्लांट है। 


चंबा में सीमैंट प्लांट लगने की उम्मीद बंधी
नौहराधार के बाद अब चंबा के शिकरीधार में भी प्लांट की शीघ्र स्थापना होने की उम्मीद बढ़ गई है। चंबा को लेकर भी मुख्यमंत्री से चर्चा हो चुकी है। ऐसे में यदि यहां भी सीमैंट प्लांट लगता है तो इसके माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस तरह दोनों पिछड़े जिलों में सीमैंट प्लांट लगने से हजारों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। पूर्व कांग्रेस सरकार के समय कांग्रेस विधायक आशा कुमारी और भाजपा के विधायक एवं वर्तमान में विधानसभा उपाध्यक्ष हंस राज चम्बा में सीमैंट प्लांट की स्थापना करने का मामला विधानसभा में उठा चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने भी इस प्लांट की स्थापना को लेकर केंद्र को पत्र लिखा था। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद शांता कुमार भी इसके लिए लगातार कोशिशें करते रहे हैं। 


नई शर्तों पर स्थापित होंगे सीमैंट प्लांट
प्रदेश में बनने वाले सीमैंट के बाहरी राज्यों में कम दाम तथा राज्य में अधिक दाम पर मिलने का मामला कई बार विधानसभा में उठ चुका है। इससे प्रदेश के लोगों में भी नाराजगी है कि यहां का पर्यावरण और सड़कें खराब होने के बावजूद सीमैंट राज्य में महंगा मिल रहा है। इसे देखते हुए अब राज्य सरकार नए सीमैंट प्लांट के लिए नई शर्तों को तय कर रही है। इसके तहत स्थानीय लोगों के हितों का सबसे पहले ध्यान रखा जाएगा, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रदेश में बनने वाला सीमैंट महंगा उपलब्ध न हो।
 

Ekta