भीषण अग्निकांड ने छीने आशियाने, अब सर्द रातों में कट रही 122 लोगों की जिंदगी

Thursday, Nov 02, 2017 - 02:25 AM (IST)

बालीचौकी: बालीचौकी के डाहर में हुए भीषण आग्रिकांड में 122 लोगों को शून्य तापमान में रातें गुजारनी पड़ रही हैं, वहीं बेजुबान मवेशियों को भी ठंड से बचाने के लिए ग्रामीणों ने अपने कपड़े पहनाए हैं।  कुल 33 परिवारों के 49 पुरुष, 43 महिलाएं व 30 बच्चों ने प्रशासन द्वारा दिए तिरपाल और कंबलों के सहारे बुधवार की रात काटी। पूर्व प्रधान व पीड़ित व्रिकम सिंह ने कहा कि देवता जहलदानु के रथ को युवकों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर निकाल दिया, लेकिन देवता के नरसिंगे, करगाल, देवता का नकदी व सोना चांदी का भंडार भी जल कर राख हो गया। देवता जहल को ग्रामीणों ने खुले खेत में ही रखा गया है, लेकिन अभी तक देवता को रहने के लिए स्थायी जगह नहीं मिली है। हैरानी की बात तो यह है कि देवता जहल का रथ सुरक्षित निकल गया, जिससे क्षेत्र में खासी चर्चा का विषय बना हुआ है। 

देवता ने पहले ही दी थी आपदा की चेतावनी
स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ समय पहले देवता के गुर ने क्षेत्र में आपदा आने की बात कही थी लेकिन लोगों ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया था, वहीं हाल में ही देवता के गुर ने कहा कि यह हादसा बड़ा हो सकता था, लेकिन देवताओं ने इस आपदा को अपने ही सिर लिया है जिससे क्षेत्र में मानव जाति पर खतरा टल गया, वहीं दलित बस्ती डाहर में लोगों की सहायता के लिए कई संस्थाओं ने अपने हाथ आगे बढ़ाए हैं। कई संस्थाओं ने कंबल व रजाई सहित नकदी देकर ग्रामीणों की सहायता की। 

क्या कहते हैं तहसीलदार
बालीचौकी के तहसीलदार अनिल कुमार ने बताया कि डाहर गांव में भीषण अग्निकांड से कुल मिलाकर 33 परिवारों के 122 सदस्य प्रभावित हुए हैं, जिन्हें आर्थिक सहायता के अलावा कंबल तिरपाल व अस्थायी शैड भी बनाए गए हंै जिसमें 49 पुरुष व 43 महिलाओं के अलावा 30 बच्चों में नवजात शिशु भी शामिल हैं।