Watch Video: आग का भयानक तांडव, यहां रहते थे 250 मजदूर

Tuesday, Apr 25, 2017 - 04:41 PM (IST)

शिमला (विकास): शिमला के लक्कड़ बाजार में उस समय हड़कंप मच गया जब लकड़ी के डिपो में भयानक आग का तांडव मचने से 2 मंजिला लेबर हॉस्टल अचानक चपेट में आ गया। जिससे 250 मजदूर बेघर हो गए हैं। बताया जाता है कि इस हॉस्टल में 250 मजदूर रहते थे। आग लगने से लेबर होस्टल, लकड़ी के डिपो व 1 ऑफिस सहित आरा मशीन भी स्वाह हो गई। जानकारी के मुताबिक दिन के समय 11 बजे लेबर हॉस्टल में जब 3 मजदूर खाना बना रहे थे तो उस वक्त उन्हें बाहर कुछ आवाज सुनाई दी, ऐसे में मजदूर बाहर निकलकर देख ही रहे थे कि उतने में आग की लपटें उन तक पहुंच गईं और बड़ी मुश्किल से उन्होंने अपनी जान बचाई। हालांकि एक मजदूर को इस दौरान चोटें भी आई हैं। 



घटना के समय हॉस्टल में थे कई मजदूर
आग सबसे पहले बिट्टू सूद के ऑफिस में लगी थी। धीरे-धीरे आग की लपटें बढ़ती गईं और हॉस्टल तक पहुंच गईं। लकड़ी के डिपो में तैयार किए गए दरवाजे, खिड़कियों के पल्ले व अन्य लकड़ी स्वाह हो गईं। दमकल विभाग की 6 गाड़ियों ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाया। दिन भर मौके पर लोगों की भीड़ लगी रही। आग से 25 लाख रुपए का नुक्सान आंका गया है जबकि 5 करोड़ रुपए की संपत्ति बचाई गई है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। प्रारंभिक जांच में फिलहाल आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। हॉस्टल में कुल 250 मजदूर रहते हैं। इनमें खान सहित जिला सिरमौर के मजदूर रहते हैं। हालांकि जब आग लगी तो उस वक्त कई मजदूर अपने-अपने काम पर निकल गए थे। 


3 लाख की नकदी जली
मजदूरों ने जो खून-पसीना बहाकर पैसे कमाए थे वे भी पूरी तरह से जलकर राख हो गए हैं। मजदूरों से मिली जानकारी के अनुसार यह कैश 3 लाख के करीब था, जिसमें 500 और 2000 के नोट थे। 


दमकल विभाग पर लगाया देरी से पहुंचने का आरोप
अगर दमकल विभाग की गाड़ियां समय पर पहुंचती तो शायद हमारा थोड़ा सामान बच जाता लेकिन शहर के इतने नजदीक होने के बावजूद विभाग की गाडिय़ां आधा घंटा लेट पहुंचीं। इन मजदूरों के साथ आरा मशीन के मालिक रमन सूद ने भी अग्निशमन विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवालिया निशान लगाए। विभाग ने घटनास्थल पर गाडिय़ां तो बहुत लाईं लेकिन गाड़ियों के कुछ टैंकरों में पानी ही नहीं था।