नशे के खिलाफ 2 दशकों से जारी है इन 2 समाजसेवियों की लड़ाई

Wednesday, Jun 26, 2019 - 05:43 PM (IST)

राजगढ़ (गोपाल): कलगीधर ट्रस्ट बडू साहिब द्वारा एंटी ड्रग दिवस के अवसर पर वीरवार को सोशल एक्टिविस्ट 85 वर्षीय डॉ. राजिंदर सिंह और डॉ. साहिब सिंह ने नशे के खिलाफ 2 दशक लम्बी जंग को सांझा किया। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ डॉ. राजिंदर सिंह और डॉ. साहिब सिंह ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ राज्य में नशामुक्ति केंद्र स्थापित कर कई नशे के रोगियों को जीवन की नई राह दिखाई है। नशे के खिलाफ व्यापक जन जागरूकता अभियान में दोनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जन जागरूकता अभियान के साथ-साथ व्यक्तिगत रूप से भी सभी को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में अवगत कराने में दोनों ने प्रमुख भूमिका निभाई है।

डॉ. राजिंदर सिंह (MBBS, DPM, MD- मनोरोग) 1991 में भारतीय सेना से वरिष्ठ सलाहकार-मनोरोग विशेषज्ञ के रूप में सेवानिवृत्त हुए। इसके तुरंत बाद उन्होंने सैक्टर 34 में गुरुद्वारा तेग बहादुर में अपनी पत्नी के साथ ओ.पी.डी. में रोगियों को देखना शुरू किया। आज भी ओ.पी.डी. में रोजाना लगभग 150 रोगियों को सेवाएं प्रदान करते हैं तथा सभी मरीजों का नि:शुल्क इलाज करते हैं।

नशे के खिलाफ लम्बी यात्रा के बारे में डॉ. राजिंदर सिंह ने बताया कि वर्ष 2004 में उन्होंने कलगीधर ट्रस्ट के साथ समाजसेवा के क्षेत्र में दूसरी पारी शुरू की और पंजाब के गांव चीमा-संगरूर में अकाल ड्रग डि एडिक्शन नाम से अपना सैंटर स्थापित किया। 2016 में उन्होंने सिरमौर में दूसरा नशामुक्ति केंद्र शुरू किया। वर्तमान में वह अपनी स्वैच्छिक सेवा के रूप में 3 केंद्रों का प्रबंधन कर रहा है और हर महीने में 500 से अधिक रोगियों को देख रहे हैं। अब तक उन्होंने लगभग 25,000 मरीजों की मदद की है। इसमें आई.पी.डी. और ओ.पी.डी. के मरीज शामिल हैं। 63 साल से वह नशा रोगियों के साथ-साथ मानसिक रोगियों को भी देख रहे हैं और अभी भी गिनती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं नशेड़ी और उनके परिवारों का समर्थन करने की पूरी कोशिश करता हूं जो विशेष रूप से महंगे केंद्रों पर इलाज नहीं करा सकते हैं।

डॉ. साहिब सिंह आडवाणी (पी.एच.डी.-टैक्नोलॉजी) मुंबई से हैं। उन्होंने 3 आई.आई.टी. में अध्ययन किया है और कई कॉर्पोरेट्स के लिए काम करते हुए एक सफल प्रबंधन सलाहकार रहे। 2008 में वह एक स्वयंसेवक के रूप में कलगीधर ट्रस्ट में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ चले गए। डॉ. राजिंदर के साथ उन्होंने नशे को जड़ से समाप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर कई अभियान शुरू किए। उन्होंने डॉ. राजिंदर को नशामुक्ति केंद्रों के संचालन के प्रबंधन में मदद करने के लिए अपनी स्वैच्छिक सेवा प्रदान की।

डॉ. साहिब सिंह ने बताया जब उन्होंने डॉ. राजिंदर सिंह को नशे के खिलाफ इतनी तत्परता व शिद्दत से लड़ते देखा तो वह भी प्रेरित हुए। उन्होंने कहा कि हमने कई कार्यशाला व सेमिनार का आयोजन कर स्कूलों और कॉलेजों में युवाओं को नशे के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए प्रेरित किया। हमने ग्रामीण पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कोने-कोने में जाकर नशा विरोधी रैली व जागरूकता  अभियान आयोजित किए हैं। हम सभी नशे के रोगियों को अपने नशा मुक्ति केंद्र में स्वीकार करते हैं। उनका दवाओं, आध्यात्मिक चिकित्सा, पारिवारिक चिकित्सा और बहुत सारे प्रेम के साथ इलाज करते हैं।

Vijay