पंचायत के कार्यों में महंगी पड़ी पति की दखलअंदाजी, महिला प्रधान को मिली ये सजा

Tuesday, Dec 03, 2019 - 10:33 PM (IST)

कालाअंब (ब्यूरो): भले ही सरकार महिला सशक्तिकरण के तहत महिलाओं को पंचायत प्रधान के लिए सीटें आरक्षित की हैं परंतु महिलाओं का पति प्रेम उन्हें पंचायत प्रधान बनने के बाद भी सशक्त नहीं होने दे रहा है। महिलाएं आज भी अपने पति को बैशाखी बनाकर पंचायत कार्यों में हिस्सा ले रही हैं। ऐसा ही एक मामला कालाअंब के समीप लगती विक्रमबाग पंचायत में देखने को मिला है। यहां महिला प्रधान को उनकी कार्यशैली में पति के लगातार हस्ताक्षेप करने के चलते निलंबन का दंश झेलना पड़ रहा है। हालांकि मामले में फिलहाल स्टे लेकर विक्रमबाग प्रधान ने अपने पद को बचाने का प्रयास किया है।

बता दें कि विक्रमबाग की प्रधान जैतुन बेगम खुद को अनपढ़ मानती है तथा पंचायत के कार्यों में पति का सहयोग लेती है। जोकि पंचायत के वार्ड सदस्यों को नागवार गुजरता है। उनका मानना है कि जैतून बेगम के पति अपनी पत्नी की आड़ में खुद प्रधानी कर रहे हैं तथा अपने लोगों के कार्य करने में लगे हुए हैं। विकास कार्यों पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विक्रमबाग के वार्ड पंच उल्फ त ने इस बारे में डीसी सिरमौर को शिकायत सौंपी है। शिकायत पर बीडीओ द्वारा जांच करवाई गई। जिसमें ये बात सामने आई कि प्रधान के पति सारा कार्य संभाल रहे हैं।

आरोप साबित होते ही डीसी ने धारा 145 लगाते हुए विक्रमबाग प्रधान को निलंबित कर कार्यभार उपप्रधान को सौंप दिया। जब इस बारे में विक्रमबाग की प्रधान से बात की गई तो उनकी जगह उनके पति गफू र मोहम्मद सफाई देने लगे। प्रधान का फोन भी पति द्वारा उठाया गया। काफी देर बाद उन्होंने पंचायत प्रधान जैतून बेगम से बात करवाई। उन्होंने बताया कि ये सही है कि वे अपने पति के साथ आती जाती रहती हैं परंतु पंचायत कार्यों में उन्होंने कभी पति द्वारा कोई मदद नहीं ली है।

डीसी सिरमौर आरके परूथी ने बताया कि पंचायत में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित करने का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है। ताकि महिलाएं पंचायत के हर कार्य में स्वयं निर्णय लें व सभी कार्यों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करवाएं। परंतु विक्रमबाग से शिकायत मिलने पर कार्रवाई अमल में लाई गई है। इसमें बीडीओ की जांच में पाया गया कि पंचायत प्रधान के पति ही हर कार्य में हिस्सा ले रहे थे जोकि नियमों के विरुद्ध है।

 

Vijay