पिता का सपना पूरा करने के लिए बर्फीले दर्रों में दौड़ेगा सरफराज

Sunday, Oct 07, 2018 - 12:28 PM (IST)

कुल्लू : अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए कोई किस कदर मेहनत कर सकता है श्रीलंका का सरफराज इसकी मिसाल बन गया है। सरफराज के पिता फैजल जुनैद ने वर्षों पूर्व सपना संजोया था कि वे हिमालय की ऊंची, बर्फ से दोनों ओर ढकी उबड़-खाबड़ सड़कों पर गाड़ी दौड़ाएंगे। हालांकि मौजूदा दौर में फैजल जुनैद की उम्र 75 वर्ष है लेकिन उनके युवा बेटे ने पिता का यह सपना पूरा करने की मन में ठान ली और भारत आ गए।

8 अक्तूबर से बर्फ से ढकी चोटियों के बीच कई दर्रों से होकर गुजरने वाली इस रैली में सरफराज हिस्सा लेंगे। लेह से शुरू होने वाली इस रैली में सरफराज एक्सट्रीम कैटेगरी में हिस्सा लेकर दर्रों से होकर गाड़ी दौड़ाएंगे। सरफराज के पिता इससे पहले ऑस्ट्रिया, जर्मनी सहित विभिन्न देशों में ऐसी रैलियों में हिस्सा ले चुके हैं। हिमालय के दर्रों में ऐसी रैली में हिस्सा लेने के उनके सपने को पूरा करने के लिए उनके बेटे ने कदम आगे बढ़ाए हैं। जब 1980 से 1990 तक यह रैली हिमालय रैली के नाम से जानी जाती थी उस समय सरफराज के पिता ने इसमें हिस्सा लेने का सपना संजोया था।

अब सरफराज इस रैली में हिस्सा लेने के लिए निसान पिकअप ट्रक समुद्री जहाज में भारत लेकर आया, उसके बाद उस ट्रक को लेह तक ले गया। अब सरफराज रैली में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं। इन दिनों रैली के लिए गाडिय़ों की स्क्रूटनी चल रही है। अलग-अलग कैटेगरी में होने वाली रैली के लिए पहले गाडिय़ों का चयन होता है। गाड़ियों की फिटनैस पूरी तरह जांचने के बाद इन्हें रैली में शामिल किया जाता है। करीब 200 गाड़ियां रैली में दौड़ेंगी और कारगिल, फोटोकसर, उंबाला व सिरसिला दर्रे सहित कई दर्रों से गुजरेंगी। 

14 हजार फुट से भी काफी ऊंचाई वाले क्षेत्र में होने वाली इस रैली के लिए सरफराज तैयार हैं और अपने पिता के सपने को पूरा करना उनका मकसद है। सरफराज का कहना है कि वे रैली में चाहे जीतेंगे भी नहीं तो अपने पिता के सपने को पूरा करने का यह मौका उन्हें जीवनभर सिर उठाकर चलने के लिए नई राह देगा। हिमालयन मोटर स्पोर्ट्स के प्रैजीडैंट विजय परमार बताते हैं कि इस रैली में हिस्सा लेने के लिए सरफराज ने अपनी काफी सेविंग खर्च की है। यह बात सरफराज ने उन्हें बताई है। विजय परमार कहते हैं कि यह एक जुनून भी है और खासकर सरफराज जैसे लोग अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए इस रैली में हिस्सा ले रहे हैं यह अन्य लोगों के लिए भी एक बहुत बड़ी सीख है। 
 

kirti