किसानों को नहीं सताएगी बिजली व डीजल की चिंता, अब सौर ऊर्जा से सिंचित होंगे खेत

punjabkesari.in Friday, Nov 15, 2019 - 11:40 AM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा अब किसानों के लिए वरदान बनने लगी है। न बिजली के कनैक्शन का झंझट और न ही डीजल की चिंता होगी। खेतों में सौर ऊर्जा लगाओ और खेतों को जितना मर्जी चाहो सिंचित करो। 90 फीसदी सबसिडी के आधार पर किसान खेतों में सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा के विकल्प को तरजीह देने लगे हैं। जिला ऊना में अब तक 25 से अधिक किसानों ने खेतों में सौर ऊर्जा पैनल स्थापित किए हैं। कई किसान अब इसी सौर ऊर्जा पैनल के लिए आवेदन करने लगे हैं। 

सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा अपनाने वाले किसानों को 90 फीसदी अनुदान मिल रहा है। यदि सांझे तौर पर किसान परियोजना लगाएं तो इसके लिए शत-प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। यदि किसी किसान की भूमि 50 कनाल से अधिक है तो उसने 80 फीसदी अनुदान और इससे कम भूमि वाले किसानों को 90 फीसदी अनुदान का प्रावधान है। प्रदेश में सौर ऊर्जा की मदद से सिंचाई प्रोजैक्टों के लिए सरकार ने 230 करोड़ रुपए से अधिक का प्लान बनाया है। नाबार्ड से इसकी डी.पी.आर. मंजूर हुई है। इसी योजना के तहत चलने वाले पम्प खरीदने पर 80 से 100 फीसदी तक सबसिडी मिलेगी। 

25 किसान कर रहे सोलर पैनल से सिंचाई

सोलर पैनल स्थापित करने वाले कम्पनी के प्रतिनिधि रुपिंद्र सिंह देहल का कहना है कि अभी तक जिला के 25 से अधिक किसानों ने सोलर पैनल के जरिए सिंचाई करनी शुरू की है। अन्य किसानों ने भी इसके लिए आवेदन किया है। 

प्रदेश सरकार ने मंजूर किए हैं सवा 2 करोड़ रुपए

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती का कहना है कि किसानों को बिजली के बिल से निजात दिलाने और अन्य बाधाओं को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार से सवा 2 करोड़ रुपए की परियोजना को पिछले महीने मंजूर करवाया गया है। आने वाले समय में और भी राशि मुहैया करवाई जाएगी, ताकि तमाम किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।

25 वर्ष तक काम करता है सौर ऊर्जा पैनल

सिंचाई के लिए प्रयोग में आने वाले सौर ऊर्जा पैनल को एक बार स्थापित करने के बाद यह 25 वर्ष तक काम करेगा। करीब 50 कनाल भूमि के लिए साढ़े 7 हॉर्स पावर के सोलर पैनल की आवश्यकता होती है, जबकि इसके अतिरिक्त भूमि की सिंचाई के लिए 10 हॉर्स पावर की जरूरत होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि खेतों में स्थापित किए जाने वाले पैनलों के नीचे किसान कोई भी खेती कर सकते हैं। इससे भूमि भी खराब नहीं होती है। 


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Edited By

Simpy Khanna

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