ऊना के किसानों ने बनाई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, केंद्र सरकार के कृषि बिल का किया समर्थन

Wednesday, Nov 04, 2020 - 04:35 PM (IST)

ऊना (अमित): भले ही देश के विभिन्न राज्यों में कृषि विधेयक का विरोध हो रहा है लेकिन हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के किसानों ने इस विधेयक का स्वागत किया है और प्रगति की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। जिला ऊना के पंजावर मत्स्य पालन के व्यवसाय से जुड़े 2 किसान भाइयों ने कृषि कारोबार से जुड़ी अपनी एग्रो ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर नाम की कंपनी को कंपनी एक्ट की धारा 1956 के अंर्तगत रजिस्टर करवाया है।

यह कम्पनी भारत सरकार के पायलट प्रोजैक्ट के रूप में रजिस्टर हुई है। 10 लोगों के शेयर से इस कम्पनी की शुरूआत हुई है और यह कम्पनी जिला ऊना के हर गांव में किसान सहायता समूह बनाकर छोटे किसानों को जोड़ेगी। किसान सहायता समूह में छोटे-बड़े सभी किसान जुड़ सकते हैं। इन सहायता समूह में से 2 सदस्य एग्जक्यूटिव बॉडी के मैम्बर होंगे जोकि बोर्ड ऑफ डायरैक्टर का चयन करेंगे। इस कम्पनी में 5 से 15 तक डायरैक्टर बनाने का प्रस्ताव है।

अनिल और अखिल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया कृषि विधेयक किसानों की तकदीर बदलने वाला फैसला है। पहले किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए मंडी के ऊपर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन अब केंद्र सरकार ने कृषि विधेयक पास कर किसानों को अपना माल कहीं भी बेचने के लिए स्वतंत्र कर दिया है। इतना ही नहीं, किसान अपनी कंपनी बनाकर भी अपने उत्पादों का विपणन कर सकते हैं। विधेयक के इस मद का लाभ किसानों को मिले यह हमारा प्रयास रहेगा। इसी के तहत हमने एग्रो ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी पंजीकृत करवाई है। हमारी कोशिश है कि जिला के सभी किसान इस कम्पनी में जुड़ें और बड़ी-बड़ी कम्पनियों से मुकाबला करें। इसमें भारत सरकार भी हमारा सहयोग कर रही है।

वहीं मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी विवेक शर्मा का कहना है कि पायलट प्रोजैक्ट के रूप में पहली कम्पनी जिला ऊना के किसानों ने रजिस्टर करवाई है, जिसके तहत अब किसानों के दिन बहुरने की उम्मीद जगी है। इस कंपनी के पंजीकृत होने का फायदा न केवल मत्स्य पालन से जुड़े किसानों को होगा बल्कि परंपरागत खेती से जुड़े किसान भी इस कंपनी से जुड़कर लाभ कमा सकते हैं।

Vijay