किसान की न कोई पार्टी होती है और न ही कोई जाति: बाली

Tuesday, Dec 15, 2020 - 04:46 PM (IST)

कांगड़ा (कालड़ा): भाजपा सरकार ने लोकसभा चुनावों से पहले किसानों को लुभाने के लिए उन्हें सम्मान राशि के तौर पर बिना किसी गाइडलाईन व बिना किसानों की सहमती से उनके खातों में 2-2 हजार रुपए डाल दिए और इस बात का व्यापक प्रचार किया। यह बात प्रदेश के पूर्व मंत्री जीएस बाली ने एक पत्रकार सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि सरकार यह घोषणाएं करती रही कि यह पैसा लगतार आता रहेगा। इसका कहीं न कहीं उन्होंने राजनैतिक फायदा लिया और वोटों पर भी इसका असर पड़ा, लेकिन अब जो गाइडलाईन जारी हुई है उसमें इस पैसे को वापिस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जोकि अति दुर्भाग्यपूर्ण है। बाली ने कहा कि किसी भी प्रणाली को शुरू करने से पहले उसकी एक सही योजना बनती है लेकिन यह चुनावों को देखते हुए जल्दी में लिया गया कदम था, ताकि इसका लाभ चुनावों के दौरान लिया जा सके। उन्होंने कहा कि जहां तक देश के किसानों की बात है आज 3 सप्ताह हो चुके हैं, किसान सब कामकाज छोड़कर अपने हितों की सुरक्षा के लिए सड़कों पर बैठा है। सरकार उनकी बातों को सुनने की जगह उनका विभाजन करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि यह किसान किसी पार्टी के हैं।

उन्होंने कहा कि किसान की न तो कोई पार्टी होती है और न ही कोई जाति, वह केवल किसान होता है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी प्रकार से उनके हितों की रक्षा के लिए कोई बात नहीं कर रही है और न ही कोई योजना बना रही है, ताकि उनके हितों की रक्षा हो सके। बाली ने कहा कि यहां सब उल्ट हो रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बैठकर टैबल पर बात करनी चाहिए। वह दिन दूर नहीं जब हमारा प्रदेश उन किसानों के साथ मैदान में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में जो बंपर फसलें जैसे सेब, किन्नू व आम आदि होते हैं का समर्थन मूल्य हमारी सरकार के समय से दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन फलों या सब्जियों जैसे आलू आदि का समर्थन मूल्य मौजूदा सरकार तय करें। उन्होंने कहा कि सरकार कांगड़ा जिला में कोई बड़ा प्रोजैक्ट नहीं लाई है और न ही फोरलेन व हवाई अड्डा, रेलवे, केंद्रीय विश्विद्यालय पर कोई काम कर पाई है। प्रदेश में कर्फ्यू की अवधि 5 जनवरी तक बढ़ाने पर बाली ने कहा कि सरकार के फैसलों का किसी को कुछ पता नहीं चलता। अपनी रैली करनी हो तो उसमें बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हो जाते हैं और अब क्रिसमस या नए साल पर पाबंदी लगा दी है।

Jinesh Kumar