बेमिसाल : किसान ने इस ‘तकनीक’ से छत पर उगाया खीरा और शिमला मिर्च (Video)

Sunday, Nov 11, 2018 - 11:08 AM (IST)

ऊना (सुरेंद्र): जिला में पहली बार हाईड्रोपोनिक तकनीक के जरिए खीरे और शिमला मिर्च के उत्पादन का सफल प्रयोग हुआ है। चलोला के निकट प्रगतिशील किसान के रूप में यूनुस खान ने इस तकनीक के जरिए बड़ी मात्रा में उत्पादन कर उन लोगों की राह आसान कर दी है, जो अपने घरों की छत पर किचन गार्डन बनाना चाहते हैं। पिछले 18 वर्षों से मशरूम सैंटर चला रहे यूनुस खान ने पॉलीहाऊस के जरिए ऑफ सीजन वैजिटेबल के उत्पादन की नई-नई तकनीकें भी खोजी हैं। न केवल स्वरोजगार अपनाकर वह आत्मनिर्भर हुए हैं बल्कि काफी संख्या में लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवा रहे हैं।

पड़ोसी राज्यों को मशरूम प्रदान कर रहा दंपति
पहली बार इस फार्म हाऊस में हाईड्रोपोनिक तकनीक के जरिए खीरे और शिमला मिर्च का उत्पादन हुआ है। यूनुस और उनकी पत्नी शमशाद बेगम मिलकर फार्म हाऊस का संचालन कर रहे हैं। मशरूम के मामले में अग्रणी उत्पादक बन चुका यह दंपति न केवल जिला ऊना बल्कि पड़ोसी राज्यों को भी मशरूम प्रदान कर रहा है। मशरूम के अतिरिक्त पॉलीहाऊस में नई-नई तकनीकों के जरिए सब्जियों का उत्पादन ऑर्गैनिक तरीके से कर रहे हैं।

मिट्टी की भी नहीं पड़ती आवश्यकता
शमशाद बेगम का कहना है कि हाईड्रोपोनिक तकनीक का प्रयोग काफी सफल रहा है। इस तकनीक के जरिए न तो मिट्टी की आवश्यकता पड़ती है और न ही अधिक खर्च है। छोटी जगह में भी इस तकनीक के जरिए न केवल अपनी जरूरतों के मुताबिक सब्जी का उत्पादन किया जा सकता है बल्कि बाजार में भी इसे बेचने के लिए भेजा जा सकता है। शमशाद बेगम के मुताबिक हाईड्रोपोनिक तकनीक से उगाए गए खीरा और शिमला मिर्च को अब तक कई मंडियों में भेज चुके हैं और इसके अच्छे दाम भी मिल रहे हैं। न तो इसमें कीटनाशक स्प्रे की आवश्यकता है और न ही इस पर कोई ज्यादा खर्चा है। सेहत के लिए भी यह काफी लाभदायक है।

मशरूम केंद्र में दे रहे प्रशिक्षण
खान दंपति अब इस तकनीक का प्रसार करना चाहता है ताकि शहरों में जिनके पास जगह उपलब्ध नहीं है, वे अपने घर की छत पर इस तकनीक के जरिए ज्यादा से ज्यादा उत्पादन कर सकें। हालांकि अपने मशरूम केंद्र में वे प्रशिक्षण भी मुहैया करवा रहे हैं।

Vijay