मशहूर लोकगायक पंडित प्रताप चंद शर्मा का निधन, पैतृक निवास नलेटी में ली अंतिम सांस(Video)

Tuesday, Nov 27, 2018 - 07:41 PM (IST)

कांगड़ा(ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश के सुप्रसिद्ध गायक 91 वर्षीय पंडित प्रताप चंद शर्मा का सोमवार सुबह करीब पौने 10 बजे निधन हो गया। उन्होंने अपने पैतृक निवास स्थान नलेटी में अंतिम सांस ली। उनके पोते रोहित शर्मा ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह करीब 10 बजे कालेश्वर में किया जाएगा। करीब 60 और 70 के दशक में लिखे गए ठंडी-ठंडी हवा जे झुलदी झुलदे चीलां दे डालु ओ जीणा कांगड़े दा... और दो नारां वे लोको लश्कदियां तलवारां... गीत उनकी आवाज में थे। इन गीतों ने प्रदेश में धूम मचाकर रख दी थी।

जिसके थे हकदार वह सम्मान नहीं दे पाई सरकार  

हिमाचल में इतनी प्रसिद्धि शायद ही किसी कलाकार को मिली हो जितनी प्रताप चंद को मिली थी। उस समय वह एक सुपरस्टार की तरह पहाड़ी लोगों के दिलों पर राज करता थे। प्रताप चंद पहले हिमाचली लेखक और गायक थे जो पहाड़ी गीतों को लोगों की जुबान पर लाए। कई पहाड़ी गीतों को घर-घर पहुंचाने वाले पंडित प्रताप चंद शर्मा को सरकार से वह सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे। 91 वर्षीय कलाकार प्रताप चंद शर्मा का जन्म 23 जनवरी, 1927 को देहरा उपमंडल के नलेटी गांव में झाणु राम के घर हुआ। 70 के दशक के बाद एक ऐसा दौर था जब आकाशवाणी में अधिकतर प्रताप चंद शर्मा के गीत ही गाए जाते थे। वर्ष 1968 में उन्होंने गाना शुरू किया और वह लोक संपर्क विभाग से जुड़ गए।

घर-घर में गाया गया ये पहाड़ी गीत

उन्होंने गीत ठंडी-ठंडी हवा जे झुलदी लिखा और गाया। यह गीत इतना ज्यादा प्रसिद्ध हो गया कि घर-घर में गाया जाने लगा। इन गीतों से पंडित प्रताप चंद हिमाचल के चमकते सितारे बन गए। इसके बाद उन्होंने कितने ही गीत लिखे और आकाशवाणी में गाए। वह 1984 में जालंधर दूरदर्शन से जुड़ गए। 1982 में उन्होंने भारत सरकार के गीत एवं नाटक प्रभाग चंडीगढ़ में भी काम किया। उन्होंने अपने जीवनकाल में करीब 200 गीत लिखे पर इस हिमाचली संस्कृति के चमकते सितारे का सरकार ने कभी हाल तक नहीं पूछा और न ही उन्हें कोई पुरस्कार दिया।

कई गायक हुए प्रसिद्ध पर नहीं पूछा हाल

उपमंडल देहरा के समाजसेवक संदीप शर्मा ने कहा की प्रताप शर्मा द्वारा लिखे हुए कई गीतों को गाकर आज कई गायक प्रसिद्ध बन गए लेकिन उन गायकों ने कभी भी उनकी गरीबी में उनका हाल-चाल नहीं पूछा।

kirti