बद्दी से फर्जी बिल्टी व बिल के जरिए वाराणसी भेजी जाती थीं नकली दवाएं

Saturday, May 27, 2023 - 11:24 PM (IST)

सोलन (नरेश पाल): बद्दी से फर्जी बिल्टी व बिल के जारिए ट्रांसपोर्ट के माध्यम से नकली दवाओं की वाराणसी को आपूर्ति होती थी। किस ट्रांसपोर्ट कंपनी के माध्यम से इन दवाओं को वहां से भेजा जा रहा था, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। वाराणसी पुलिस की एसएफटी की जांच में रजनी भार्गव के अलावा अमित दुआ व सुनील के नाम सामने आए थे। हालांकि ड्रग विभाग ने साइपर फार्मा की कंपनी की मालकिन रजनी भार्गव को नकली दवाओं के आरोप में गिरफ्तार किया है, लेकिन अमित दुआ व सुनील ड्रग विभाग की गिरफ्त से बाहर हैं। हालांकि विभाग की टीमों ने पुलिस के साथ इन दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर जाल बिछाया हुआ है लेकिन कामयाबी नहीं मिली है। विभाग की तफ्तीश अभी ट्रांसपोर्ट कंपनी तक भी नहीं पहुंची है। बद्दी से वाराणसी को किस रूट से इन नकली दवाओं की आपूर्ति हो रही थी, इसको लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। 

एसटीएफ ने बरामद की थीं साढ़े 7 करोड़ रुपए की दवाएं 
नवम्बर महीने में पकड़े गए करोड़ों रुपए की नकली दवाओं के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ था। ड्रग विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली दवा बनाने वाले एक उद्योग का पर्दाफाश कर सील किया था। इस मामले में करीब 4 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था लेकिन कज्जे माल के सप्लायर को आज तक नहीं पकड़ा गया है। सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ द्वारा 2 मार्च को नकली दवाओं के आरोप में गिरफ्तार किए गए अशोक कुमार फर्जी बिल्टी व बिल के जरिए ट्रांसपोर्ट के माध्यम से नकली दवाओं को मंगवाता था। फिर अशोक ट्रांसपोर्ट के माध्यम से बंगलादेश, कोलकाता, ओडिशा, बिहार व हैदराबाद के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के आगरा व बुलंदशहर को भी नकली दवाइयां भेजता था। एसटीएफ ने उनकी निशानदेही पर करीब साढ़े 7 करोड़ रुपए की दवाएं बरामद की थीं। एसटीएफ ने मार्च में आरोपित की निशानदेही पर वाराणसी में 2 गोदामों में छापेमारी की थी। एक में 108 और दूसरे में 208 पेटी बरामद की थी। जांच में इस मामले के तार बद्दी से जुड़ गए थे। एसटीएफ ने उस समय भी ड्रग विभाग को सूचना दी थी लेकिन विभाग इस मामले में रजनी भार्गव को गिरफ्तार करने में कामयाब हुआ है, जबकि 2 आरोपी अभी फरार हैं। 

नकली दवा बनाने वाला चौथा उद्योग पकड़ा 
प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में पिछले 9 महीने में नकली दवाएं बनाने वाले चौथे उद्योग का खुलासा हुआ है। इसमें 2 उद्योग ऐसे थे जो फूड लाइसैंस पर ही ब्रांडेड कंपनियों की नकली दवाएं बना रहे थे, जबकि 22 नवम्बर, 2022 को नकली दवा बनाने वाले उद्योग के पास तो ड्रग तो दूर फूड लाइसैंस भी नहीं था। सितम्बर, 2022 के बाद नकली दवाओं के मामले आने शुरू हो गए। ड्रग विभाग ने पहले मामले में बद्दी की थाना पंचायत के धर्मपुर गांव में बिना ड्रग लाइसैंस के नकली दवाएं बनाने वाले उद्योग को सील किया। इस दौरान मैक्लोयड, एलबी साइफ साइंस और पार्क फार्मा की दवाइयां मिलीं। कंपनी के पास फूड लाइसैंस था। दूसरा मामला 23 सितम्बर को सामने आया। बद्दी के थाना गांव में स्थित एक कंपनी में नकली दवाएं भारी मात्रा में पकड़ी गईं। इसके पास भी फूड लाइसैंस था। यह उद्योग नामी कंपनियों के नाम पर नकली दवाओं को बना रहा था। ड्रग विभाग ने 22 नवम्बर को बद्दी में नकली दवाएं बनाने वाले एक उद्योग को सील किया। उद्योग विभाग के प्लॉट में स्थापित इस उद्योग का रिकॉर्ड न उद्योग के पास था और न ही ड्रग विभाग के पास था। इसमें नामी कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बनाई जा रही थीं। छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपए की दवाएं बरामद हुई थीं। अब 9 महीने बाद बद्दी में एक और नकली दवा बनाने वाले उद्योग का खुलासा हुआ है। हालांकि वाराणसी में मार्च में ही इसका खुलासा हो गया था लेकिन प्रदेश में इस मामले में कार्रवाई अब हुई है।  

ड्रग्स एंड कॉस्मैटिक्स एक्ट के तहत की जा रही कार्रवाई
राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि इस मामले में साइपर फार्मा की रजनी भार्गव को गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार को 3 दिन का रिमांड पूरा होने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। ड्रग्स एंड कॉस्मैटिक्स एक्ट की धारा 17 व 18(ए)(1) के तहत कार्रवाई की जा रही है। अभी इस मामले की जांच चली हुई है।

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Content Writer

Vijay