इस स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग की लोगों ने बना दी FB पर फर्जी आईडी

Saturday, Nov 25, 2017 - 11:09 AM (IST)

घुमारवीं : बिलासपुर रोड पर स्थित एक प्रतिष्ठित निजी सीनियर सैकेंडरी स्कूल में पढऩे वाली एक नाबालिग छात्रा की अज्ञात लोगों ने फेसबुक आई.डी. बना दी और इस आई.डी. से आपत्तिजनक टीका-टिप्पणी करने में जुट गए। बच्ची को अपनी इस फेक फेसबुक आई.डी. की जानकारी मिली तो उसने स्कूल के प्रिंसिपल को बताया। पहले तो बच्ची के साथ पढऩे वाले छात्रों से स्कूल प्रशासन ने अपने स्तर पर पूछताछ की, लेकिन जब किसी ने खुलकर इस मामले में जानकारी नहीं दी तो स्कूल प्रशासन ने मामला पुलिस को सौंप दिया है। घुमारवीं पुलिस ने शुक्रवार को महिला पुलिस कर्मियों के साथ स्कूल में जाकर इस मामले में जानकारी जुटाई।

इस मामले में सख्त कार्रवाई होगी
डी.एस.पी. राजेश कुमार ने कहा है कि इस मामले में शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर एस.एच.ओ. घुमारवीं को स्कूल में जाकर तफ्तीश करके इसके पीछे के लोगों तक पहुंचने के लिए कहा गया है। उन्होंने आज स्कूल में जाकर जांच भी की। डी.एस.पी. ने बताया कि जब भी ऐसी फेक आई.डी. बनाने वालों तक पुलिस पहुंचेगी तो इस बारे में मीडिया को जानकारी दे दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पुलिस अभी तक स्कूल में छात्रा के साथ पढ़ने वाले लड़कों पर भी अपनी जांच की सूई घुमाए हुए है। इसके बाद बाकी एंगल से भी जांच की जाएगी। उन्होंने युवा पीढ़ी को नसीहत दी है कि इस तरह की हरकत पर सख्ती तौर पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है, लिहाजा इस तरह के आपत्तिजनक व्यवहार से युवा बचें और अपने भविष्य निर्माण पर ध्यान दें। उन्होंने बताया कि पुलिस इस मामले में भी सख्त कार्रवाई करेगी, ताकि भविष्य में कोई ऐसी हरकत न करे।

पहले भी सुर्खियों में रह चुका है स्कूल
इस नई घटना से पहले यह स्कूल कुछ महीने इसके यहां पढ़ाने वाले शारीरिक शिक्षा के एक टीचर द्वारा की गई एक बच्ची की बेरहमी से पिटाई के मामले में भी सुॢखयों में रहा है। उस दौरान यह मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा था, लेकिन स्कूल प्रशासन ने इस शिक्षक को कथित तौर पर 2 दिन के लिए सस्पैंड जरूर किया था, लेकिन इसके बाद दोबारा इसे बहाल कर दिया गया। इधर, सूत्रों का कहना है कि लगभग डेढ़ हजार की संख्या वाले इस स्कूल में पिछले कुछ अरसे से अनुशासनशीलता में कमी दर्ज की गई है। इतना ही नहीं, बल्कि स्कूल में सुरक्षा की दृष्टि से भी इंतजाम इतने प्रभावशाली नहीं देखे जा रहे हैं। ऐसे में यहां पढऩे वाले बच्चों के अभिभावक की चिंता गहरा सकती है।