झोलाछाप डॉक्टर सरेआम टटोल रहे लोगों की नब्ज

Monday, Jan 22, 2018 - 02:07 PM (IST)

बरठीं: प्रशासन व विभाग की नाक तले बरठीं कस्बा व उसके साथ लगते क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर सरेआम लोगों की नब्ज टटोल रहे हैं। प्रशासन व विभाग सबकुछ जानते हुए भी अनजान बने बैठे हैं जिससे प्रतीत होता है कि सरकारें केवल कायदे-कानून बनाने तक सीमित हैं। ऐसे संगीन मामलों की अनदेखी प्रशासन व विभाग को सीधे प्रश्नों के कटघरे में खड़ा कर रही है। 


बताया जाता है कि झोलाछाप डॉक्टरों का मकडज़ाल धीरे-धीरे और अधिक फैलता जा रहा है। इस बारे में बात करने पर क्षेत्र के बुद्धिजीवियों राम पाल, राकेश, कुलदीप, मनोज, सुरेंद्र, प्रकाश, ज्ञान सिंह, पवन, सुरजीत व प्रीतम आदि का कहना है कि बरठीं व आसपास लगते कई स्थानों पर कैमिस्ट शॉप करने वाले खुद डॉक्टर बनकर रोगियों की नब्ज टटोल रहे हैं जबकि कैमिस्ट नियमानुसार अस्पताल के डॉक्टर द्वारा लिखी दवाई ही मरीज को दे सकते हैं। इसके लिए काफी हद तक ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों में कम सुविधा भी जिम्मेदार है। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की कमी है। वहीं लोगों का यह भी कहना है कि यदि डॉक्टर अस्पताल में मिल भी जाए तो वह सर्दी-जुकाम की दवाई हजार रुपए से कम नहीं लिखता। ऐसे में लोग वहां जाने में ही भलाई समझते हैं, जहां 30 रुपए की दवाई से सर्दी-जुकाम से निजात मिल जाए।