छात्रवृत्ति घोटाला : CBI जांच में फर्जी निकले सर्टीफिकेट, तहसील में नहीं रिकॉर्ड

Tuesday, Oct 15, 2019 - 09:57 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): छात्रवृत्ति घोटाले की जांच ज्यों-ज्यों आगे बढ़ रही है त्यों-त्यों कई सनसनीखेज मामलों का पर्दाफाश हो रहा है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है तो उन कुछ शिक्षण संस्थानों की कलई खुल रही है जो फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति को हड़पने में संलिप्त रहे हैं। चौंकाने वाले तथ्य ये हैं कि जिन छात्रों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का दर्शाकर उनकी छात्रवृत्ति हासिल की गई है वास्तव में उनके सर्टीफिकेट संबंधित अथॉरिटी से जारी ही नहीं हुए हैं। तहसील ऑफिस ऊना में सीबीआई ने जब सर्टीफिकेट की सत्यता की जांच की तो दर्जनों सर्टीफिकेट फर्जी पाए गए। ये सर्टीफिकेट ऊना से जारी किए हुए बताए गए लेकिन रिकॉर्ड में ये दर्ज ही नहीं थे। यानी संस्थानों ने अपने तौर पर ही फर्जी सर्टीफिकेट तैयार कर दिए।

ऊना तहसील से जारी हुए बताए गए हैं सर्टीफिकेट

अनुसूचित जनजाति यानी एसटी के कई सर्टीफिकेट भी ऊना तहसील से जारी हुए बताए गए लेकिन जब सीबीआई की टीम यह जांचने के लिए ऊना पहुंची कि क्या ये सर्टीफिकेट असली हैं या नहीं तो पता चला कि जारी किए गए सर्टीफिकेट पूरी तरह से फर्जी हैं। बड़ी बात यह है कि इन सर्टीफिकेट को जालसाजी के जरिए तैयार किया गया है। अनेक छात्र जो एससी व एसटी वर्ग से संबंधित ही नहीं थे उन्हें भी उसी वर्ग में डालकर उनके सर्टीफिकेट संलग्न कर दिए गए ताकि सरकार की तरफ से जारी राशि को संस्थान हासिल कर सके।

फर्जीवाड़े में शामिल लोगों का पता लगाने में जुटी पुलिस

सीबीआई की टीम अब इस बात का पता लगा रही है कि इस फर्जीवाड़े में कौन-कौन लोग शामिल रहे हैं। राजस्व विभाग से रिकार्ड लेने के बाद अब सीबीआई उन लोगों का पता लगाने में जुटी है जो पूरी तरह से इस फर्जीवाड़े में संलिप्त रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले में कुछ संस्थानों के संचालकों से सीबीआई पूछताछ भी कर चुकी है।

सीबीआई ने कब्जे में लिया रिकॉर्ड

फर्जी तरीके से सर्टीफिकेट तैयार करने के मामले में कुछ लोगों पर शीघ्र ही बड़ी कार्रवाई की गाज गिर सकती है। तहसील ऑफिस ऊना से तमाम रिकॉर्ड सीबीआई कब्जे में ले चुकी है। रिकॉर्ड में कहीं भी सर्टीफिकेट जारी नहीं हुए हैं जो संस्थानों ने अपने रिकार्ड में संलग्न कर दिए हैं। यह पता लगाया जाना बाकी है कि आखिर कौन-कौन लोग जाति सर्टीफिकेट फर्जीवाड़े में शामिल रहे हैं। तहसील ऑफिस की तर्ज पर कैसे सर्टीफिकेट तैयार किए गए और इसे कौन अंजाम देता था, इस पूरी साजिश के पीछे किसका हाथ था, यह पता लगाया जाना भी बाकी है।

क्या बोले तहसीलदार ऊना

तहसीलदार ऊना विजय राय ने बताया कि सीबीआई की टीम को रिकॉर्ड दे दिया गया है। ऊना तहसील से ऐसे सर्टीफिकेट तैयार नहीं किए गए हैं जो कुछ संस्थानों ने जारी हुए बताए हैं। इस संबंध में सीबीआई के अधिकारियों को स्थिति स्पष्ट कर दी गई है।

Vijay