विकास कार्यों के भुगतान के लिए पेश कर दिए फर्जी बिल, ऐसे हुआ खुलासा

Saturday, Jul 15, 2017 - 12:38 AM (IST)

जोगिंद्रनगर: गुम्मा में पूर्व पंचायत के कार्यकाल में किए गए करीब साढ़े 3 लाख के विकास कार्यों की लंबित अदायगी बताकर भुगतान हेतु फर्जी बिलों का सहारा लिया गया है। मामले का खुलासा सूचना के अधिकार के तहत जुटाए गए तथ्यों से हुआ है। जानकारी के अनुसार पंचायत के पास ऐसे कार्यों के भुगतान के लिए बिल पेश किए गए, जिनके बारे मेंउस समय न तो कोई प्रस्ताव पंचायत में लाया गया और न ही कोटेशन। पंचायत सचिव ने पेश किए गए बिलों को पूरी तरह फर्जी बता कर बिल भुगतान में असमर्थता जाहिर करते हुए विकास खंड अधिकारी को मामले से अवगत करवा दिया। 

2 सदस्यीय टीम ने की मामले की जांच 
इसके बाद विकास खंड अधिकारी ने 2 सदस्यीय टीम का गठन कर मामले की जांच करवाई जिसमें पंचायत सचिव द्वारा निर्दिष्टï खामियों को सही पाया गया। ऐसे में फर्जी बिल के जरिए भुगतान मांगने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए थी लेकिन विकास खंड द्वारा सचिव को पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बिलों में कमियों को दूर करने के आदेश जारी किए गए ताकि भुगतान का रास्ता साफ हो सके। बिलों में खरीददारों के नाम बोगस लिखे गए हैं तथा कई बिल बिना डेट के ही हैं। बिलों के सीरियल नम्बर में भी भारी अंतर है। ऐसे कई बिल भुगतान को पेश किए गए हैं। मस्ट्रोल में कामगारों के नाम भी फर्जी पाए गए हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी
विकास खंड अधिकारी रवि कुमार बैंस ने बताया कि मामले में अभी और जांच की जा रही है। फर्जी बिलों के आधार पर भुगतान नहीं किया जा सकता। भुगतान से पहले सभी बातों को बारीकी से देखा जाएगा। वहीं अधिवक्ता जोगिंद्रनगर रणजीत चौहान कहना है कि इस मामले में नजर रखी हुई है तथा आर.टी.आई. से तथ्य जुटाए हैं। यह भ्रष्टïाचार का बड़ा मामला है और इसकी शिकायत विजीलैंस से की जा रही है।