जहर उगल रही पांवटा साहिब में चल रही फैक्ट्री, गुस्साए लोगों ने आधी रात बंद करवा दिया प्लांट(Video)

Monday, Oct 07, 2019 - 02:39 PM (IST)

पांवटा (प्रेम वर्मा) : पांवटा साहिब में बद्रीपुर पंचायत में समीप चल रही एक अवैध फैक्ट्री को स्थानीय पंचायत के लोगों द्वारा ने बंद करवाने का मामला सामने आया है। एलुमिनियम पिघलाकर ब्रिक्स बनाने वाली यह फैक्ट्री रात होते ही धुआं छोड़ती थी। बीती रात भी फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में दम घोंटने वाला दुआ निकला तो लोगों के सब्र का बांध टूटा। बद्रीपुर पंचायत के प्रधान सहित दर्जनों लोग फैक्ट्री परिसर में पहुंचे और उन्होंने प्लांट को बंद करवा दिया।

इस प्लांट में रद्दी फॉयल पेपर पिघलाकर इनसे एलुमिनियम ब्रिकस बनाई जाती है। इसका अधिकतर रॉ मैटेरियल फार्मा प्लांट के रिजेक्टेड टैबलेट स्ट्रिप्स होते हैं। इन स्ट्रिप्स पर प्लास्टिक की परत चढ़ी होती है। एल्युमीनियम की टेबलेट स्ट्रिप्स को जलाए जाने से बेहद खतरनाक काला धुआं निकलता है। प्लांट में पोलुशन कंट्रोल डिवाइस न लगे होने के कारण धुंआ आसपास के खुले क्षेत्र में छोड़ा जा रहा है। इस धुएं के कारण कई किलोमीटर क्षेत्र में लोगों का जीना दूभर हो गया है।

स्थानीय पंचायत ने इस प्लांट के संचालकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि प्लांट प्रदूशन नियंत्रण नियमों को पूरा नहीं करता। एलमुनियम स्ट्रिप्स को मनमाने ढंग से आग लगा दी जाती है और धातू पिधलाने वाली भट्टियों के ऊपर लगने वाले सक्शन डिवाइस भी नहीं लगे हैं। जिसकी वहज से इस प्रक्रिया में निकलने वाला धुआं खुले आसमान में छोड़ा जाता है। लोग इस बात को लेकर हैरान है कि नियम पूरे ना होने के बावजूद प्लांट को चलाने की अनुमति कैसे दी गई है।

पंचायत प्रधान का आरोप है कि इस प्लांट को तय मानकों के हिसाब से पोलुशन डिवाइस लगाने की शर्त पर एनओसी दी गई थी लेकिन प्लांट के संचालकों ने प्रदूषण नियंत्रण और धुएं की रोकथाम के लिए कोई इंतजाम नहीं किए हैं। बीती रात्रि लगभग 10 बजे भी फैक्ट्री में एलुमिनियम कंटेंट जलाया गया। जिसका धुआं पावटा शहर तक लगभग 4 किलोमीटर क्षेत्र तक फैल गया। ऐसे में गुस्साए ग्रामीण स्थानीय पंचायत प्रधान के साथ मिलकर फैक्ट्री पहुंचे और फैक्ट्री को बंद करवा दिया। इस दौरान पंचायत के लोगों व संचालकों के बीच जमकर हंगामा भी हुआ।

लोगों का कहना है कि प्लांट से निकलने वाले धुंए की वजह से बच्चे और बुजुर्ग बीमार हो रहे हैं। ऐसे में पंचायत द्वारा प्लांट की एनओसी रद्द कर दी गई थी लेकिन बावजूद इसके संचालक इसे अवैध रूप से चला रहे हैं। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की है ताकि पता लग सके कि बेहद अधिक प्रदूषण फैलाने वाला ही है प्लांट किस किस पर चल रहा था।

Edited By

Simpy Khanna