Exclusive: शिमला में बूंद-बूंद को तरस रहे लोग, मगर पानी पर केसों की ''बाढ़''

Friday, Jun 01, 2018 - 12:29 PM (IST)

शिमला (संजीव/राक्टा): गुड़िया कांड, कसौली शूट आउट और बिलासपुर लूट कांड की कालिख के बाद हिमाचल पुलिस की वर्दी पर बदनामी का एक और दाग लगा है। शिमला में पानी की मांग कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस ने पिछले करीब एक हफ्ते में 100 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। यह अपने आप में ऐसा पहला और अनूठा वाक्या है, जब लोग प्यासे मर रहे हों, तो पानी की मांग करने या पानी  न आने पर अपने गुस्से का इजहार करने पर उनके खिलाफ पुलसिया कार्रवाई की जाए। आज तक कहीं ऐसा नहीं हुआ लेकिन हिमाचल की पुलिस ने यह कारनामा भी अंजाम दे डाला है। 


दिलचस्प ढंग से अकेले गुरुवार को ही शिमला पुलिस ने 35 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। दस-दस दिन से पानी नहीं आने पर इन लोगों के सब्र का बांध जब टूटा तो ये सड़कों पर नारेबाजी करने उतर गए। कुछ जगह टैंकर वालों से उलझे। लेकिन पुलिस  इन्हें समझने बुझाने के बजाए उलटे दबंगई पर उतर आई है और शांति भंग करने जैसे मामले दर्ज कर दिए गए। जाहिर है यह सब पहले से पानी को तरस रही जनता के जख्मों पर नमक रगड़ने सरीखा है।   


पानी न मिलने पर जगह-जगह प्रदर्शन
शिमला में पानी की दिक्कत के बीच टैंकरों से पानी बांटने के लिए प्रशासन पुलिस की भी सहायता ले रहा है। चूंकि कई दिनों से पानी नहीं मिलने पर जनता अधीर है, लिहाजा धक्का-मुक्की तनाव स्वाभाविक है। कुछ जगहों पर लोग नगर निगम के अधिकारियों और टैंकर कर्मियों से भी उलझे हैं। पानी की कमी से उपजी हताशा के बीच लोग सड़क पर उतर कर सरकार और नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। मगर पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को समझे बिना ऐसे आवेशित लोगों के खिलाफ मामले दर्ज कर लिए। 
 

Ekta