हिमाचल की यह SP बनी लोगों के लिए मिसाल, जानिए कैसे

Sunday, Jun 25, 2017 - 08:57 PM (IST)

नाहन: भारत धार्मिक एकता का देश है लेकिन फिर भी समाज में अस्थिरता लाने के लिए कुछ उपद्रवी लोग धर्म के नाम पर तोडऩे से बाज नहीं आते। इस सबके बावजूद हमारे देश में कुछ ऐसे व्यक्तित्व मौजूद हैं जो लोगों को जोडऩे में दिन रात अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे ही लोगों में शामिल हैं एस.पी. सिरमौर सौम्या साम्बाशिवन। विभिन्न धर्मों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के आयोजन व उनमें भाग लेने में भी वह अपनी अहम भूमिका निभाती नजर आती हैं। इसका एक उदाहरण उन्होंने अपने जिला में तैनात मुस्लिम स्टाफ के लिए इफ्तार का आयोजन कर पेश किया है। हालांकि यह आयोजन चुपचाप आयोजित हुआ लेकिन कहते हैं जो लोग सच्चे दिल से काम करते हैं, उनका डंका स्वयं बोलता है।



सभी धर्मों का एक समान करती हैं आदर 
सूत्रों से मीडिया तक बात पहुंची तो मीडिया ने एस.पी. से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह सभी धर्मों का एक समान आदर करती हैं और इसी के चलते वे हर धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेती हैं। उन्होंने बताया कि मुस्लिम स्टाफ के लिए इफ्तियार के आयोजन से पहले उन्होंने विधिवत सभी रोजे पूरे किए। सख्त ड्यूटी होने के बावजूद उन्होंने रोजे में होने वाले कार्यक्रमों के लिए समय निकाला। एक माह तक रोजे रखने के बाद उन्होंने इफ्तार का आयोजन किया। 

न नमाज आती है मुझ को.....
उनका मानना है कि सभी धर्मों के शेड्स अलग-अलग हैं और व्यक्ति को समाज में सभी धर्मों के शेड्स इंज्वाय करने चाहिए। वह हिंदू धर्म का जितना आदर एवं सम्मान करती हैं उतना ही अन्य धर्मों का भी। वह तिब्बत के हर धर्मगुरु व दलाईलामा से मिलने भी जाती हैं। उनके पुरूवाला में अयोजित कार्यक्रमों में विशेष रूप से हिस्सा लेती हैं। उन्होंने धार्मिक एकता पर बहुत सुंदर पक्तियां रखते हुए कहा कि ‘न नमाज आती है मुझ को, न वजू आता है, सजदा कर लेता हूं, जहां तू सामने आता है’। ऐसे में धर्म के नाम पर लोगों को तोडऩे वालों को एस.पी. से प्रेरणा लेने की जरूरत है।