10वीं की परीक्षा में 35 में से 28 फेल

Monday, May 27, 2019 - 12:36 PM (IST)

 

चम्बा : राजकीय उच्च पाठशाला चूड़ी में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के नसीब में शायद गणित पढ़ाने वाला अध्यापक नसीब नहीं है। ऐसा अगर नहीं होता तो करीब 3 वर्ष के बाद इस स्कूल में गणित विषय को पढ़ाने के लिए टी.जी.टी. नॉन मैडीकल अध्यापक जोकि 2017 के अप्रैल माह में नसीब हुआ था, उसे सरकार उसी वर्ष चंद माह बाद ही बी.आर.सी. नहीं बनाती। या फिर इस अध्यापक के बी.आर.सी. बनने के बाद इस स्कूल में दूसरे अध्यापक को तैनात करती।

हैरानी की बात है कि पिछले 2 वर्षों से इस स्कूल में गणित पढ़ाने के नाम पर सरकारी कागजों में तो उक्त अध्यापक यहां तैनात है, लेकिन इस स्कूल व बी.आर.सी.सी. कार्यालय हरदासपुर के बीच की दूरी करीब 25 किलोमीटर है। ऐसे में सही मायने में भरमौर विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाले इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। अध्यापक की कमी के चलते ही इस स्कूल में इस वर्ष 10वीं की बोर्ड की परीक्षा में 35 छात्र-छात्राओं में 28 बच्चे फेल हो गए हैं। चिंता की बात तो यह है कि इस वार्षिक परीक्षा परिणाम के बाद भी सरकार ने अब तक इस दिशा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है।

सरकारी कागजों में इस स्कूल में उक्त अध्यापक का पद भरा पड़ा है, लेकिन उक्त अध्यापक बी.आर.सी.सी. कार्यालय में तैनात है। स्कूल की एस.एम.सी. ने भी इस संदर्भ में बीते वर्ष जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के समक्ष यह मामला उठाया था, लेकिन अफसोस की बात है कि स्थिति जस की तस बनी हुई है। लोगों का कहना है कि सरकार राजकीय उच्च पाठशाला चूड़ी में 10वीं की शिक्षा प्राप्त करने वाले 110 बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए इस स्कूल में टी.जी.टी. नॉन-मैडीकल के पद को रिक्त घोषित करे या फिर यहां उक्त अध्यापक की शीघ्र तैनाती सुनिश्चित करे।
 

kirti