भूतपूर्व सैनिकों को 'सुप्रीम' झटका, नौकरी में नहीं मिलेगा ‘ये’ लाभ

Saturday, Aug 26, 2017 - 12:34 PM (IST)

शिमला/हमीरपुरभूतपूर्व सैनिकों को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट की ओर से भूतपूर्व सैनिकों की वरिष्ठता पर दिए गए फैसले पर हिमाचल प्रदेश हेडमास्टर काडर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने खुशी जताई है। सुप्रीम ने हिमाचल हाईकोर्ट के उस फैसले को स्थिर रखा है, जिसमें भूतपूर्व सैनिकों की पुन: नियुक्ति पर सेना की सेवा को वरिष्ठता में नहीं जोड़ा जाएगा। 


राज्य के कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले के विरुद्ध कोर्ट में की थी अपील 
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विजय गौतम, कार्यकारी अध्यक्ष अजय शर्मा, महासचिव ध्रुव पटियाल और वित्त सचिव एसपी शर्मा ने कहा कि 10 साल सेवाकाल वाला भूतपूर्व सैनिक 25 साल का सेवाकाल पूर्ण कर चुके सिविल कर्मचारी से अधिक वरिष्ठता पाता है। बताया जाता है कि राज्य के कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले के विरुद्ध कोर्ट में अपील की थी। 28 दिसंबर 2008 को हिमाचल हाईकोर्ट ने पुन: नियुक्ति के समय सिविल सेवा में भूतपूर्व सैनिकों की वरिष्ठता को जोड़ना असंवैधानिक करार दिया था। लेकिन सैनिक इस फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट गए।


प्रधानाचार्य की नियुक्ति का 2013 के बाद स्टे हटा 
सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई 2017 को इस केस की सुनवाई पूरी की। इसके बाद शुक्रवार को कोर्ट के दो जजों की खंडपीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए हिमाचल हाईकोर्ट के उस फैसले को बहाल रखा, जिसमें भूतपूर्व सैनिकों को पुन: नियक्ति पर सेना में की गई सेवा को वरिष्ठता सूची में न जोड़ने के आदेश हैं। साल 2013 के बाद प्रधानाचार्य की नियुक्ति का स्टे हट चुका है। इससे वरिष्ठ मुख्याध्यापकों को प्रिंसिपल के पद पर एडहॉक प्रमोशन का रास्ता भी साफ हो गया है। गौतम ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले से बिना प्रमोशन के सेवानिवृत्ति होने वाले राज्य के हजारों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। 


राज्य सरकार को अब इस फैसले को जल्द लागू करना चाहिए
वहीं कोर्ट का फैसला आने के बाद राज्य में प्रमोशन पर लगा प्रतिबंध भी हट गया है। प्रधानाचार्य पदों पर काम कर रहे साल 2013 से 2017 तक नियुक्त सभी मुख्य अध्यापकों और प्रवक्ताओं को ग्रेड पे 5400 रुपए की जगह पर अब 6600 रुपए हर महीने मिलेगा। बताया जाता है कि संघ ने मुख्यमंत्री से इस फैसले को विधानसभा चुनावों से पहले जल्द लागू करने की गुहार लगाई है। विज्ञान अध्यापक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज पाल सिंह परिहार ने कहा है कि फैसला आने के बाद हिमाचल के शिक्षा विभाग में कई तरह के जो लाभ दिसंबर 2008 के बाद हजारों पूर्व सैनिकों को प्रमोशन या वरिष्ठता सूची के जरिए दिए गए थे, अब वह नहीं मिलेंगे। संघ ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए सभी शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अब इस फैसले को जल्द लागू करना चाहिए।