4 हजार से ज्यादा हिमाचली गानों में है इस शख्स की शहनाई की धुन, अभिनेता सन्नी देयोल भी हैं कायल (Vide

Friday, Feb 23, 2018 - 03:52 PM (IST)

मंडी (नीरज): आज हम आपको एक ऐसे शहनाई वादक से मिलाने जा रहे हैं जिनकी शहनाई की धून के बाद ही प्रदेश के बड़े महोत्सवों की शुरूआत होती है। यहां तक कि फिल्म अभिनेता सन्नी देयोल भी सूरजमणी की शहनाई के कायल होकर इन्हें अपने साथ काम करने का मौका दे चुके हैं। लेकिन सूरजमणी को अपनी विरासत संभालने वाला कोई नहीं मिल रहा।


मंडी जिला के गोहर उपमंडल के चच्योट गांव निवासी 55 वर्षीय सूरजमणी ने मात्र 9 साल की आयु में शहनाई बजाना शुरू कर दिया था। शहनाई वादन की कला उन्होंने अपने ताया से सीखी। आज प्रदेश का शायद ही कोई कोना ऐसा होगा, जहां उसकी शहनाई की धुन न गूंजी हो। प्रदेश में जितने भी बड़े महोत्सव होते हैं वहां सूरजमणी को विशेष तौर पर शहनाई वादन के लिए बुलाया जाता है। उनकी शहनाई के बाद ही उस महोत्सव के आगामी कार्य शुरू होते हैं। अब तक वह हिमाचल प्रदेश के चार हजार से भी अधिक पहाड़ी गानों में शहनाई वादन कर चुके हैं। 

पिछले साल सन्नी देयोल मनाली में अपने बेटे करण देयोल की फिल्म 'पल-पल दिल के पास' की शूटिंग के लिए आए हुए थे। फिल्म में जब उन्हें शहनाई की धुन की जरूरत पड़ी तो उन्होंने सूरजमणी का साथ लिया। वह बताते हैं कि यह पल उनकी जिंदगी का सबसे यादगार पल था। सूरजमणी ने शहनाई वादन के दम पर अपना नाम तो कमा लिया लेकिन अब उन्हें अपनी इस विरासत को सहेजने वाला कोई नहीं मिल रहा। उनकी मानें तो अब इस काम में मान-सम्मान घटता जा रहा है जिसके कारण युवा इस ओर नहीं आ रहे हैं।


चैत्र महीना विशेष तौर पर शहनाई वादन के लिए माना जाता था और उस दौरान यह घर-घर जाकर शहनाई बजाते थे लेकिन आज यह परंपरा विलुप्त होती जा रही है। यदि सरकार कोई म्यूजिक एकैडमी खोले तो वह सभी को शहनाई वादन की कला सिखाने के लिए तैयार रहेंगे। हालांकि जिला में और भी कई लोग हैं जो शहनाई बजाते हैं लेकिन छोटे से प्रदेश में शहनाई वादन में सूरजमणी ने जो मुकाम हासिल किया है वह तारीफ-ए-काबिल है। उम्मीद की जानी चाहिए कि सूरजमणी से प्रेरणा लेते हुए अन्य शहनाई वादक भी अपनी इस प्रतिभा के दम पर नए आयाम स्थापित करेंगे और इस कला को और ज्यादा बढ़ावा देंगे।